हरियाणा में मिला 1000 साल पुराना कुआं, कलायत में तालाब की खुदाई में मिले अवशेष
प्रदेश में चर्चित कलायत के गांव बालू में तालाब की खुदाई के दौरान 29 जून को मिले कुएं के काल खंड का खुलासा हरियाणा पुरातत्व विभाग ने सोमवार को कर दिया। लोगों में जिज्ञासा और उत्सुकता जिस प्राचीन काल के कुएं को तालाब से कुछ दूरी पर स्थित हड़प्पा कालीन बालू टीले की संस्कृति से जोड़कर देखा जा रहा था वह वास्तव में प्रारंभिक मध्य काल का है। हरियाणा पुरातत्व विभाग इसकी रिसर्च और खोज करते हुए इस निष्कर्ष पर पहुंचा
हरियाणा पुरातत्व विभाग की उपनिदेशक डा. बनानी भट्टाचार्य ने बताया कि टीम द्वारा 30 जून 2023 को गांव में मिले कुएं और दूसरे अवशेषों के नमूने लिए। इनका सिलसिलेवार मुख्यालय की प्रयोगशाला में अध्ययन और परीक्षण किया गया। इससे यह साबित हुआ कि अवशेष प्रारंभिक मध्यकालीन दौर से जुड़े हैं
गांव बालू के ऐतिहासिक बाबा मौज डेरे से सटे जिस तालाब में प्रारंभिक मध्य काल का कुआं मिला है। उसमें प्रयुक्त ईंटों की लंबाई 18 इंच, चौड़ाई 9 इंच व मोटाई 2 से 3 इंच पाई गई। एक ईंट का वजन औसतन 5 किलो 600 ग्राम है। जबकि कुएं के मुहाने का आकार करीब 8 फीट है। खुदाई का कार्य पूर्ण होने के बाद ही इसकी गहराई का अनुमान पुरातत्ववेता लगा पाएंगे
भक्ति व सूफी आंदोलन से प्रभावित रहा प्रारंभिक मध्य कालीन युग : डा. बनानी भट्टाचार्य
हरियाणा पुरातत्व विभाग की उप निदेशक डा. बनानी भट्टाचार्य के मुताबिक प्रारंभिक मध्य कालीन युग की अपनी विशिष्ट संस्कृति, भाषा, लेखन प्रणाली और धर्म था। लोगों का सामाजिक और धार्मिक जीवन भक्ति व सूफी आंदोलनों से प्रभावित रहा। जिन अवशेषों की पुष्टि गांव बालू में इस युग से हुई है उसके संरक्षण के लिए जिला प्रशासन का पत्र लिखा जाएगा