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मांगों को लेकर कल जींद में सीएम नायब सैनी के सामने रोष प्रदर्शन करेंगे एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारी

मांगों को लेकर कल जींद में सीएम नायब सैनी के सामने रोष प्रदर्शन करेंगे एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारी
 

 जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में हरियाणा राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी पंचकूला (एचएसीएस) के कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को छठे दिन में प्रवेश कर गई। एड्स कंट्रोल कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय के बाहर धरना दिया और मांगों को लेकर नारेबाजी की। हड़तालरत कर्मचारियों ने सरकार के सौतेले व्यवहार पर रोष जताया और कहा कि सरकार की अनदेखी के चलते ही उन्हें हड़ताल करने को मजबूर होना पड़ रहा है। 


धरने पर निर्णय लिया गया कि बुधवार को सीएम नायब सैनी जींद आ रहे हैं तो उनके समक्ष रोष प्रदर्शन किया जाएगा। फिलहाल एड्स कंट्रोल कर्मियों ने पूरी तरह से काम बंद किया हुआ है। जिसके चलते एड्स जांच का कार्य पूरी तरह से बंद है। इसके अलावा एड्स रोगियों को जो दवा वितरित की जाती है, वो भी नहीं दी जा रही हैं।

जिसके चलते मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं। वहीं हरियाणा राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के तहत आने वाले सभी सेंटर (आईसीटीसी सेंटर), ओएसटी सेंटर, एसटीआई सेंटर, ब्लड बैंक सेंटर, एआरटी को पूर्ण रूप से बंद रखा गया है। जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

जिला प्रधान संदीप श्योकंद ने हड़तालरत कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि एड्स डिपार्टमेंट सबसे पहले शुरू हुआ था। एनएचएम डिपार्टमेंट बना कर बना कर उनको उनके सर्विस बायलॉज वगैरह सब बेनिफिट दे दिए गए। सिर्फ एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारियों को छोड़ दिया गया।

जबकि ये कर्मचारी इलाज में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि यह गंभीर बीमारी के मरीजों को देखते हैं। किसी भी इलाज के शुरू होने से पहले एड्स या एचआईवी टेस्ट के बिना डॉक्टर भी मरीज को हाथ नहीं लगते हैं। इसलिए यह कर्मचारी हमेशा गंभीर बीमारियों के रिस्क में रहते हैं। बावजूद इसके एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारियों के साथ बहुत ही सौतेला व्यवहार सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसलिए इन कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना पड़ा है। 


उन्होंने मांग की कि एनएचएम की तर्ज पर सर्विस बायलॉज दिए जाएं। कर्मचारियों को पड़ोसी राज्य दिल्ली की भांति स्टेट शेयर दिया जाए। सभी कर्मचारियों को अन्य भत्ते जैसे इपीएफ आदि दिए जाएं। इसके अलावा एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारियों को भी नियमित किया जाए।