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  सुबह सुबह हुआ बड़ा ऐलान ! बिजली कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन (AIPEF) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर देश के सभी प्रान्तों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऊर्जा निगमों में कार्य कर रहे सभी बिजली कर्मियों के लिए एक समान पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग की है। इस पत्र की प्रतिलिपि सभी प्रान्तों के मुख्यमंत्रियों को भी दी गई है।
 

AIPEF :ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन (AIPEF) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर देश के सभी प्रान्तों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऊर्जा निगमों में कार्य कर रहे सभी बिजली कर्मियों के लिए एक समान पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग की है। इस पत्र की प्रतिलिपि सभी प्रान्तों के मुख्यमंत्रियों को भी दी गई है।

AIPEF के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने पत्र में लिखा है कि राज्य बिजली बोर्ड के विघटन के बाद नए बने ऊर्जा निगमों में भर्ती होने वाले बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली एकतरफा ढंग से समाप्त कर दी गई। इसके परिणामस्वरूप बिजली कर्मियों को अलग-अलग प्रांतों में सीपीएफ, ईपीएफ या एनपीएस में डाल दिया गया।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में कहीं भी इस प्रकार का कोई उल्लेख नहीं है कि बिजली बोर्ड के विघटन के बाद भर्ती किए जाने वाले बिजली कर्मियों को पुरानी पेंशन नहीं दी जाएगी। विभिन्न राज्यों में पावर कारपोरेशन में पेंशन योजनाओं में कोई एकरूपता नहीं है।

AIPEF का कहना है कि यह जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार एनपीएस के अंतर्गत कार्य कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली में परिवर्तन करने जा रही है। ऐसे में राज्यों के पावर कारपोरेशन में काम कर रहे कर्मचारियों के बीच में एक प्रणाली लागू न होने से बड़ी विसंगतियां पैदा हो जाएंगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजे गए पत्र में AIPEF ने अनुरोध किया है कि देश के सभी पावर कॉरपोरेशन में एकरूपता लाने के लिए यह जरूरी है कि केंद्र सरकार सभी राज्यों को यह निर्देश जारी करे कि सभी राज्यों में ऊर्जा निगमों में कार्य कर रहे बिजली कर्मियों के लिए एक समान पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।

AIPEF के इस कदम से यह स्पष्ट है कि विभिन्न राज्यों में पेंशन योजनाओं में एकरूपता लाने की आवश्यकता है। यह न केवल कर्मचारियों के हित में होगा बल्कि पावर कारपोरेशन में काम करने वाले सभी कर्मियों के बीच समानता भी सुनिश्चित करेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री से उम्मीद है कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाएंगी।