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नगर परिषद जींद के दावे निकले खोखले, मानसून की पहली बारिश में ही जींद शहर की सड़कें टूटी

नगर परिषद जींद के दावे निकले खोखले, मानसून की पहली बारिश में ही जींद शहर की सड़कें टूटी
 

JIND NEWS:मानसून से पहले आई बारिश सड़कों और गलियों को दरकाने में जुट गई है। जिस तरह से चंद घंटों की बारिश के कारण जींद में गलियों का यह नजारा सामने आ रहा है, उसके नतीजन स्थानीय लोग निर्माण कार्यों पर सवाल उठाने लगे है। भारत नगर की गली नंबर-1 में जो करीब 6 महीने पहले बनाई गई थी, वह चंद घंटों की बारिश में ही दरक गई है।

ऐसे में मानसून की बारिश झेलने के बाद इस गली के हालात क्या होगें, यह भी देखने वाली बात होगी। फिलहाल, इस गली के हालात को देखकर स्थानीय लोगों ने सीधे तौर पर सवाल उठाये है कि ठोस योजना के अभाव और निर्माण सामग्री की गुणवता न होना ही इस गली के दरकने का कारण है। इसलिए प्रशासन के आला अधिकारी मामले की गहनता से जांच कराएं। 6 माह की गली के दरकने के मामले को

सरकार के सरंक्षण में जींद के अंदर विकास कार्यों की आड़ में हो रहा है गोलमाल


लेकर कांग्रेस नेता प्रदीप गिल, रिषीपाल हैबतपुर ने कहा कि पिछले साढ़े 9 वर्षों से गलियों और सड़कों के दरकने, कुएं की तरह फटने के जो किस्से बाहर आ रहे है, वह इस बात की ओर इशारा कर रहे है कि सरकार के सरंक्षण में जींद के अंदर विकास कार्यों की आड़ में कैसे गोलमाल हुए है। यदि साढ़े 9 वर्षों के दौरान जींद की सड़कों के हालात का कच्चा चिट्ठा खोले तो वह इस बात को पुख्ता कर देगा कि लोगों की सुख-सुविधाओं की आड़ में सत्तासीनों ने केवल अपना स्वार्थ साधने का काम किया है।

प्रदीप गिल ने कहा कि अब फैसला जनता की अदालत को करना है। कार्रवाई के दिन दूर नहीं है। करीब 2 माह बाद फैसले की घड़ी आएगी। इसलिए वोट की चोट से जनता, जींद के साथ छल करने वालों से हिसाब चुकता करेगी। 

निर्माण कार्यों में ईमानदारी बरती जाती तो जींद की सड़कें और गलियों की नही होती बदत्तर हालात


रिषीपाल हैबतपुर ने कहा कि यदि निर्माण कार्यों में ईमानदारी बरती जाती तो जींद की सड़कें और गलियां बदत्तर हालात में नहीं पहुंचती। अब जनता ही निर्णय देगी कि जींद के हितों के साथ खिलवाड़ करने वालों को कैसे, कितना बड़ा सबक सिखाना है। इसलिए जब भी चुनाव में भाजपा नेता वोट मांगने आये तो उनसे जनता दरकी, टूटी-फूटी और जलमग्न स्थलों का हिसाब-किताब जरूर मांगे।