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राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी बढ़ सकती है, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने पर छिड़ी चर्चा 

बागपत के सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है, जिसमें उन्होंने ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव उत्तर भारत के तीन प्रमुख राज्यों - राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
 

Expressway; बागपत के सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है, जिसमें उन्होंने ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव उत्तर भारत के तीन प्रमुख राज्यों - राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, जो बीकानेर से डबवाली नेशनल हाईवे के रूप में पहले से ही विकसित है, को डबवाली से पानीपत तक विस्तारित करने की योजना है। इस एक्सप्रेसवे को यदि पानीपत से आगे छपरौली, बड़ौत, बरनावा से होते हुए मेरठ में गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाए, तो यह बीकानेर से इलाहाबाद तक की सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह राजस्थान, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा को न केवल सुगम बनाएगा, बल्कि व्यापार और उद्योग के लिए नए अवसर भी खोलेगा।

इस प्रस्तावित एक्सप्रेसवे से राजस्थान, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा, जिससे यात्रा समय में कटौती होगी और परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा। यह मार्ग व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान की यह मांग न केवल लोकसभा में गूंज रही है, बल्कि यह उत्तर भारत के विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। इस मांग को पूरा करने से उत्तर भारत के तीन प्रमुख राज्यों में न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, बल्कि कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा, जो पूरे क्षेत्र के विकास में सहायक सिद्ध होगा।

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने की मांग उत्तर भारत के तीन प्रमुख राज्यों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। यह न केवल कनेक्टिविटी को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि व्यापार, उद्योग, और पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगा। अगर यह प्रस्ताव साकार होता है, तो यह उत्तर भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत कर सकता है, जहां बेहतर कनेक्टिविटी के माध्यम से विकास की गति तेज होगी।