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संविदा कर्मचारियों की तो हो गई चांदी ! यूपी सरकार ने किया यह बड़ा ऐलान 

कोरोना महामारी के समय सरकारी अस्पतालों में लैब टेक्निशियन, स्टाफ नर्स, और नॉन-मेडिकल साइंटिस्ट जैसे पदों पर संविदा पर भर्ती कर्मचारियों के लिए राहत की खबर आई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इनके समायोजन का आश्वासन दिया है।
 

UP Contract Employees News: कोरोना महामारी के समय सरकारी अस्पतालों में लैब टेक्निशियन, स्टाफ नर्स, और नॉन-मेडिकल साइंटिस्ट जैसे पदों पर संविदा पर भर्ती कर्मचारियों के लिए राहत की खबर आई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इनके समायोजन का आश्वासन दिया है।
 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कोविड महामारी के दौरान भर्ती किए गए 2,200 संविदा कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। उन्हें एनएचएम, उत्तर प्रदेश के दूसरे स्वास्थ्य कार्यक्रमों में समायोजित किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के हस्तक्षेप के बाद एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इससे संविदा कर्मियों को बड़ी राहत मिली है और वे यथावत कार्य करते रहेंगे।
 
सोमवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में संविदा कर्मचारी समायोजन की मांग को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के सरकारी आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे। भारी संख्या में मौजूद कर्मचारियों को पुलिस ने गेट पर रोका। उप मुख्यमंत्री ने बाहर आकर उनकी मांगें सुनीं और आश्वासन दिया कि किसी भी कर्मचारी को नौकरी से बाहर नहीं निकाला जाएगा।

समायोजन की प्रक्रिया

कोविड महामारी के दौरान भर्ती: 7,200 संविदा कर्मचारियों की भर्ती।
समायोजन: 5,500 कर्मचारियों को एनएचएम के दूसरे कार्यक्रमों में समायोजित किया गया।
आश्वासन: बाकी बचे कर्मचारियों को भी जल्द समायोजित किया जाएगा।
 
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मेरठ सहित अन्य जिलों में कर्मचारियों को निकाला जा रहा है और अगले महीने से उन्हें मानदेय भी नहीं दिया जाएगा। वे आउटसोर्सिंग कंपनियों को फायदा पहुंचाने की बजाय संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन देने की मांग कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद संविदा कर्मचारी शांत हुए।