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Electricity department employee:बिजली विभाग के कर्मचारी ने करोड़ों का घोटाला कर सबसे महंगी मार्केट में बनवा ली अपनी बिल्डिंग, लाखों रुपए आता है महीने का किराया

Electricity department employee got his building built in the most expensive market by committing a scam of crores, monthly rent comes to lakhs of rupees
 

बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। इस कर्मचारी ने घोटाले के रुपए से अपने नाम की पुरी की पूरी एक बिल्डिंग खड़ी कर दी। इस बिल्डिंग के किराएदारों से यह महीने के लाखों रुपए वसूलता था। खबर के अनुसार बिजली विभाग के कर्मचारियों ने करोड़ों रुपए का का भुगतान अपने खाते में करवा लिया है। भुगतान के इस पेज से उसने सबसे महंगी मार्केट में अपनी खुद की बिल्डिंग तैयार करवा ली। हालांकि विभाग ने घोटाले का पता लगने के बाद हाल के दिनों में इस बिजली कर्मी के खाते में जमा हुई राशि के दो ट्रांजेक्शन का पैसा रिकवर कर लिया है । बाकी ट्रांजैक्शन की पड़ताल अब भी विभाग की ओर से की जा रही है।

 पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PUVVNL) में तैनात लेखाकार केशवेंद्र द्विवेदी ने भुगतान के पैसों का अपने खातों में जमा करने का कारनामा वर्ष 2021 से शुरू किया था। केशवेंद्र द्विवेदी ने भुगतान के पैसे अपने खाते में क्रमश 21 लाख, 4.90 लाख, 21.29 लाख, 15 लाख, 77.98 लाख, 25 लाख, 77 हजार और 25 हजार के रूप में लिया बताया जा रहा है।


 लेखाकार केशवेंद्र द्विवेदी को विभाग ने निलंबित कर दिया है और फिर दर्ज कर ली गई है फिर दर्ज होने के बाद केशवेंद्र  द्विवेदी फरार हो गए हैं। बिजली विभाग में हुए इस बड़े घोटाले में उच्चाधिकारियों के तार भी जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।
कुछ लोग अब इस घोटाले की एसटीएफ से जांच कराने की मांग करते हुए संलिप्त व्यक्ति पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।


केशवेंद्र त्रिवेदी ने जो बिल्डिंग तैयार की है उसमें किसी भी प्रकार का लोन नहीं लिया गया है। आपको बता दें कि केशवेंद्र द्विवेदी की नियुक्ति 2015 में हुई थी। इस कर्मचारी ने अवैध रूप से करोड़ों रुपये कमाने के लिए इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया। घोटाले का पर्दाफास होने के बाद संपूर्ण बिजली महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद अब केशवेंद्र द्विवेदी की नियुक्ति प्रक्रिया और बैक ग्राउंड की भी जांच करने की मांग उठने लगी है। इसके अलावा इस घोटाले में अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच की मांग भी लोगों द्वारा उठाई जा रही है।