Epressway: आगरा से ग्वालियर तक जाएगा नया 88 किमी लंबा छह लेन हाईस्पीड एक्सप्रेसवे ! 2027 तक बनकर होगा तैयार
उत्तर प्रदेश के आगरा को जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे का उपहार मिलने जा रहा है। आगरा से ग्वालियर तक बनने वाले इस नए छह लेन हाईस्पीड कॉरिडोर से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। वर्तमान में आगरा से ग्वालियर की दूरी 121 किमी है, जिसे इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद महज 88 किमी में पूरा किया जा सकेगा। यह यात्रा केवल एक घंटे में पूरी की जा सकेगी, जो अभी के मुकाबले काफी तेज़ होगी।
Aug 9, 2024, 11:57 IST
Epressway: उत्तर प्रदेश के आगरा को जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे का उपहार मिलने जा रहा है। आगरा से ग्वालियर तक बनने वाले इस नए छह लेन हाईस्पीड कॉरिडोर से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। वर्तमान में आगरा से ग्वालियर की दूरी 121 किमी है, जिसे इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद महज 88 किमी में पूरा किया जा सकेगा। यह यात्रा केवल एक घंटे में पूरी की जा सकेगी, जो अभी के मुकाबले काफी तेज़ होगी।
इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। वर्ष 2027 तक इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। यह हाईस्पीड कॉरिडोर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले वाहनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे यात्रा की सुगमता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे की योजना को पर्यावरण मंत्रालय में स्वीकृति के लिए आवेदन किया है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 502.11 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें से 3.18 हेक्टेयर वन क्षेत्र की होगी। इस परियोजना की प्री-फिजीबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, इस हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
यह नया एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति देगा। ग्वालियर और आगरा जैसे ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, क्षेत्रीय व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों में भी वृद्धि की उम्मीद है।
आगरा-ग्वालियर छह लेन हाईस्पीड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच यात्रा को न केवल सुगम बनाएगा बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वर्ष 2027 में इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद, यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ व्यापार और पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। वर्ष 2027 तक इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। यह हाईस्पीड कॉरिडोर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले वाहनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे यात्रा की सुगमता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे की योजना को पर्यावरण मंत्रालय में स्वीकृति के लिए आवेदन किया है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 502.11 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें से 3.18 हेक्टेयर वन क्षेत्र की होगी। इस परियोजना की प्री-फिजीबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, इस हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
यह नया एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति देगा। ग्वालियर और आगरा जैसे ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, क्षेत्रीय व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों में भी वृद्धि की उम्मीद है।
आगरा-ग्वालियर छह लेन हाईस्पीड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच यात्रा को न केवल सुगम बनाएगा बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वर्ष 2027 में इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद, यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ व्यापार और पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।