उचाना में सरकार से नाराज किसानों ने फूंकी बजट की प्रतियां
उचाना उपमंडल कार्यालय में चल रहे अनिश्चित कालीन धरने पर बजट किसानों के लिए निराशाजनक बताते हुए प्रतियां जला कर रोष प्रकट किया। धरना संयोजक आजाद पालवां ने बताया कि भाजपा खुद को किसान हितैषी बताती है लेकिन बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया।
एमएसपी पर फसल खरीद कानून, सी-टू प्लस पचास प्रतिशत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट अनुसार प्रावधान करने को लेकर कुछ नहीं किया गया। ये बजट पूरी तरह से किसानों के लिए निराशा वाला रहा है। बीजेपी सिर्फ किसानों को चुनाव के समय याद करती है।
किसानों को समृद्ध बनाने के लिए कोई प्रावधान बजट में नहीं आने से किसानों में रोष है। इस मौके पर बीरा करसिंधु, मा. वीरेंद्र सिंह, मिया सिंह दरोली, रामफल, ताराचंद लोधर, धीरा उचाना, अमरजीत खटकड़, फूल सिंह मौजूद रहे।
किसान संगठनों के राजनीति में आने से घबराहट क्यों
आजाद पालवां ने कहा कि किसान संगठनों के राजनीति में आने से घबराहट नेताओं को नहीं होनी चाहिए। बीते दिनों कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह द्वारा किसान संगठनों के राजनीति में आने पर दिया गए बयान से साबित है कि किसानों को राजनीति में आना उन्हें पंसद नहीं है। कोई एक बार ही मंजिल पर नहीं पहुंच सकता है।
मंजिल पर पहुंचने के लिए कई बार आगे बढ़ना पड़ता है। किसान अगर संसद, विधानसभा जाएंगे तो किसानों के हितों को लेकर काम करेंगे। अब किसानों के हितों के लिए बात की जाती है लेकिन किया कुछ नहीं जाता है। इस बार उचाना विस से सभी किसान संगठन मिलकर महापंचायत कर एक उम्मीदवार का चयन 1 अगस्त को करेंगे।