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Delhi Traffic Jam: दिल्ली जा रहे किसानों को रोका गया, शहर में भीषण जाम

Farmer Protest: पुलिस ने पहले ही यहां की सड़कों को मोड़ दिया था। क्रेन, बुलडोजर, वज्र वाहनों और ड्रोन कैमरों के माध्यम से भी निगरानी की जा रही है। किसानों के विरोध के कारण दिल्ली-नोएडा सीमा पर लंबा जाम लग गया।
 
indiah1, Delhi news:उत्तर प्रदेश से दिल्ली जा रहे किसानों को नोएडा में पुलिस ने उस समय रोक दिया जब वे यहां से चिल्ला सीमा की ओर बढ़ रहे थे। आपको बता दें कि कुछ समय पहले आज नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के पास दलित प्रेरणा स्थलम के पास इन किसानों को रोका गया था। यहां किसानों की भीड़ है, जिसके कारण भारी ट्रैफिक जाम देखा जा रहा है।

पुलिस ने पहले ही यहां की सड़कों को मोड़ दिया है

इसके अलावा आपको बता दें कि पुलिस ने पहले ही यहां की सड़कों को मोड़ दिया था। क्रेन, बुलडोजर, वज्र वाहनों और ड्रोन कैमरों के माध्यम से भी निगरानी की जा रही है। किसानों के विरोध के कारण दिल्ली-नोएडा सीमा पर लंबा जाम लग गया। कई रास्तों को डायवर्ट किया गया। जिससे लोगों को कम परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिल्ली-नोएडा सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं, पुलिस किसानों से उनके विरोध को रोकने के लिए लगातार बात कर रही है।

धारा 144 के तहत 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध

किसानों के प्रदर्शन से पहले, धारा 144 के तहत, 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने और धार्मिक और राजनीतिक सहित किसी भी प्रकार के जुलूस पर प्रतिबंध है। ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को ग्रेटर नोएडा में दादरी, तिलापटा, सूरजपुर, सिरसा, रामपुर-फतेहपुर और अन्य मार्गों पर डायवर्जन के बारे में चेतावनी दी है।

गौतम बुद्ध नगर के एसीपी

गौतम बुद्ध नगर के एसीपी (कानून-व्यवस्था) शिवहरी मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में धारा 144 लगा दी गई है। इसके अलावा सभी सीमाओं को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया है। किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह किसानों से लगातार बात कर रहे हैं। इसके अलावा नोएडा आने वाली सभी ट्रेनों की भी जांच की जा रही है।

किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं?

आपको बता दें कि दिसंबर 2023 से किसान संगठन नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित अपनी जमीन के बदले मुआवजे और भूखंडों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान समूहों ने अपनी मांगों के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए 7 फरवरी को 'किसान महापंचायत' बुलाई। 8 तारीख को राजधानी दिल्ली में संसद तक विरोध मार्च की घोषणा की गई।

किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा

किसानों का कहना है कि अधिकारी किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। किसान सभा के जिला अध्यक्ष रूपेश वर्मा ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों में किसानों की समस्याएं समान हैं। तीनों प्राधिकरणों की बोर्ड बैठक में पारित होने के बाद 10 प्रतिशत आवासीय भूखंडों का मामला सरकार की मंजूरी के लिए लंबित है। किसान नेता सुनील फौजी ने घोषणा की कि सभी संगठनों के साथ बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल होंगे।