कम पानी वाली जमीन में किसान भाई करें इस फसल की खेती, होगा जमकर मुनाफा, जानें खेती का तरीका
बाजरा एक स्वास्थ्यवर्धक और पोषक तत्वों से भरपूर फसल है, जिसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। यह सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है और कम पानी में भी बेहतर उत्पादन देती है। बाजरा से बने उत्पादों की शहरी बाजारों में मांग बढ़ने से यह किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प बन रहा है।
Millet Farming: बाजरा एक स्वास्थ्यवर्धक और पोषक तत्वों से भरपूर फसल है, जिसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। यह सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है और कम पानी में भी बेहतर उत्पादन देती है। बाजरा से बने उत्पादों की शहरी बाजारों में मांग बढ़ने से यह किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प बन रहा है।
बाजरा की बुवाई मानसून के शुरुआती दिनों में सबसे बेहतर होती है। बाजरा के लिए हल्की और जल निकासी वाली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। बुवाई से पहले खेत को सही ढंग से जोतना और जैविक खाद डालना जरूरी होता है।
बाजरा की देखभाल
बाजरा को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती। आवश्यकतानुसार 2-3 बार सिंचाई करें। जैविक खाद का उपयोग करें, इससे उत्पादन में वृद्धि होगी और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी।
बाजरा आधारित उत्पादों की मांग
बाजरा से बने उत्पाद जैसे आटा, दलिया, और बाजरा आधारित स्नैक्स की शहरी बाजारों में मांग तेजी से बढ़ रही है। किसान बाजरा प्रसंस्करण इकाइयों में निवेश कर सकते हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ सकती है।
सरकार द्वारा समर्थन
सरकार ने बाजरा जैसी मोटे अनाज की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा प्राप्त हो सके। यह कदम धान और गेहूं जैसी फसलों की तुलना में मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है।