चौधरी चरण सिंह व स्वामीनाथन के फैसलों को लागू करे सरकार: अमित सिहाग
बॉर्डर सील कर तनाव का माहौल बनाना निंदनीय, किसानों की जायज मांगों को तुरंत माने सरकार: अमित सिहाग
हलका डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह तथा स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हुए सरकार का आभार व्यक्त करने के साथ-साथ उनके द्वारा किसान हित में लिए गए फैसलों को लागू करने की मांग भी की है।
इस विषय में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विधायक सिहाग ने कहा कि सरकार को चौधरी चरण सिंह व स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने तक ही सीमित ना रहते हुए उनकी सोच को आगे बढ़ाते हुए उनके द्वारा किसान वर्ग की खुशहाली के लिए लिए गए फैसलों तथा दिए गए सुझावों को तुरंत प्रभाव से लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं ,ऐसे में सरकार द्वारा उनसे सकरात्मक बातचीत करने की बजाय हरियाणा के बॉर्डर पर कीलें लगा तारबंदी करने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार बिल्कुल संवेदनहीन हो गई है।
अमित सिहाग ने कहा कि सरकार को हठधर्मिता छोड़, तारबंदी करने,बॉर्डर सील करने जैसे रवैया को त्याग कर बातचीत के लिए आगे आना चाहिए तथा किसानों की जायज मांगों को मानने का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले किसान आंदोलन के दौरान सरकार द्वारा एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का जो विश्वास दिलवाया गया था उसको सरकार को अब पूरा करना चाहिए ताकि किसानों की माली हालत ठीक हो सके।
विधायक ने कहा कि सरकार को स्वामीनाथन द्वारा दिए गए सी टू प्लस पचास प्रतिशत के फार्मूले को तुरंत प्रभाव से लागू करना चाहिए जिससे किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा उद्योगपतियों का ऋण माफ किया गया उसी प्रकार सरकार को किसानों की हालत को देखते हुए उनका ऋण माफ कर राहत देने का काम करना चाहिए।
विधायक ने कहा कि केंद्र में डॉ मनमोहन सिंह कि नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने भी उस समय किसानों का 72 हज़ार करोड़ रूपए का ऋण माफ करते हुए बड़ी राहत देने का काम किया था अब मौजूदा सरकार को भी किसानों की माली हालत देखते हुए तुरंत प्रभाव से उनका ऋण माफ करना चाहिए।
सिहाग ने कहा कि किसान आंदोलन को देखते हुए जिस प्रकार से हरियाणा में शासन व प्रशासन द्वारा जो माहौल पैदा किया जा रहा है वह सरासर निंदनीय है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सड़कों पर यातायात रोकना की फैसला गलत है क्योंकि इससे जहां लोगों को आवागमन में असुविधा होती है वहीं लोगों के रोजगार भी प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से इस भय के माहौल को खत्म करते हुए आवागमन को सुचारू करना चाहिए ताकि तनाव की स्थिति न बने।