{"vars":{"id": "100198:4399"}}

Haryana: भीषण गर्मी के बीच, पशुओं को लेकर विभाग ने जारी की Advisory 

देखें पूरी जानकारी 
 

Sirsa News: सिरसा में बढ़ती गर्मी के कारण पशुपालक अपने पशुओं को लेकर चिंतित हैं। किसानों को फसल बर्बाद होने की चिंता भी सता रही है। दूसरी ओर जहां उधान विभाग के अधिकारी किसानों को अपनी फसलों का रखरखाव करने के तरीके बता रहे हैं, वहीं पशु चिकित्सक पशुपालकों को जानवरों के रखरखाव के नए तरीके बता रहे हैं। पशुपालन विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

पशु चिकित्सा, पशुपालन और डेयरी विभाग के डॉ. कुलभूषण वाधवा ने कहा कि जिला पशुपालन और डेयरी विभाग के उप निदेशक सुखविंदर सिंह के निर्देशों के अनुसार गांव के पशुपालकों को लगातार जागरूक किया जा रहा है और शिविरों के माध्यम से जानवरों को गर्मी से बचाने के उपायों के बारे में बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुपालक अपने पशुओं को ठंडी और छायादार जगह पर बांधें और यदि गांव में तालाब है तो पशुओं को सुबह-शाम तालाब में छोड़ दें। साथ ही अपने पालतू जानवरों के खान-पान पर भी ध्यान दें।

इस तरह वे जानवरों की देखभाल करें:
मीडिया से बात करते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि उच्च तापमान के कारण फलों के पौधों को नुकसान होने की आशंका है। इस मौसम में सब्जियों को भी नुकसान हो सकता है। इसके लिए किसानों को अपनी उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भूसे को जमीन में दबाकर पानी दिया जाना चाहिए, ताकि पानी लंबे समय तक बना रहे और जमीन में नमी बनी रहे। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां भी बगीचे हों, वहां किसानों को खरपतवारों को हटाना चाहिए और पराली को जमीन में दबाना चाहिए और उसे पानी भी देना चाहिए ताकि मिट्टी नम रहे और जमीन को हर सेकंड से तीसरे दिन पानी दिया जाए ताकि मिट्टी का तापमान संतुलित रहे।

किसानों और पशुपालन अधिकारियों का कहना है कि गर्मी की लहर ने उनकी फसलों और पशुधन को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि वे अपने जानवरों को 2 से 3 दिनों के बाद नहला रहे हैं और उन्हें छायादार जगह में बांधकर गर्मी से बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जानवरों के सामने कूलर और पंखे भी लगाए गए हैं ताकि जानवरों को गर्मी से राहत मिल सके। साथ ही उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण उन्हें बार-बार ट्यूबल चलाना पड़ता है, जिससे बिजली की खपत बढ़ रही है और उन पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ रहा है।