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हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की हो गई बल्ले-बल्ले, सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह अहम फैसला

हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की हो गई बल्ले-बल्ले, सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह अहम फैसला
 

हरियाणा प्रदेश के अंदर सरकारी कर्मचारीयों की सुप्रीम कोर्ट ने बल्ले-बल्ले कर दी है। अब प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को 2014 में बनी हुई पॉलिसी के तहत ही पदोन्नति मिलेगी।
हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्ष 2014 की रैगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत नियमित किए गए कर्मचारी पदोन्नति के पात्र होंगे।

हालाकि ऐसे कर्मचारियों की पदोन्नति सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मौजूदा अपीलों के परिणाम के अधीन होगी। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं।

हरियाणा राज्य और अन्य बनाम योगेश त्यागी
और अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय के 18 जून 2020 को जारी निर्देशों के अनुसरण में वर्ष 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत नियमित किए गए कर्मचारियों के पदोन्नति लाभों को रोकने का निर्णय लिया गया था।

अब सर्वोच्च न्यायालय ने मदन सिंह एवं अन्य बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य मामले में विभिन्न एसएलपी को जोड़कर 6 फरवरी 2024 के अंतरिम आदेशों के माध्यम से निर्देश दिए थे कि 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत नियमित किए गए कर्मचारियों की पदोन्नत्तियां मौजदा अपीलों के परिणाम के अधीन होंगी।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित अपीलों को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी पदोन्नति 

हरियाणा प्रदेश के अंदर जिन कर्मचारियों को पदोन्नति मिलेगी उन्हें सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से लंबित पड़ी अपीलों को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी। आपको बता दें कि यह पॉलिसी वर्ष 2014 में कांग्रेस सरकार में बनी थी, जिसे बाद में हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। मगर बाद में सरकार सहित अन्य ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।

जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति के आदेश जारी कर दिए थे। मगर अब सुप्रीम कोर्ट ने कई एसएलपी को जोड़कर अंतरिम आदेशों के माध्यम से निर्देश दिए थे कि कर्मचारियों की पदोन्नति की जा सकती है, लेकिन पदोन्नतियां मौजूदा अपीलों के परिणाम के अधीन होंगी।