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हरियाणा में हैफेड के गोदाम में रखे गेहूं पर पानी डालने का मामला आया सामने, डीएम और अध्यक्ष के बीच हुआ विवाद

Case of pouring water on wheat kept in Hafed godown in Haryana came to the fore, dispute between DM and Chairman
 
हरियाणा के  हैफड में गोदाम में रखे गेहूं के स्टॉक को पानी से भिगोने का मामला चार सदस्य कमेटी की रिपोर्ट के बाद विभाग की तरफ से दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।वहीं अगर दूसरी तरफ बात करें हैपेंड कदम सुरेश वेद अपने ही विवाद के अध्यक्ष कैलाश भगत द्वारा दो अधिकारियों के लिए मामला दर्ज करने के आदेश उन्हें नहीं मिलने की बात कह रहे हैं
आपको बता दें की है DM सुरेश कुमार ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्य कमेटी का गठन किया था।इसके बाद ही स्वयं भी इस रिपोर्ट बना उच्च अधिकारियों को भेजी थी जिस पर संज्ञान लेते हुए हैं पद अध्यक्ष कैलाश भगत ने इंस्पेक्टर में गोदाम के इंचार्ज के खिलाफ फिर के आदेश दिए हैं। इस विषय को लेकर जब डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुरेश वेद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक दो अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के कोई भी आदेश उन्हें प्राप्त नहीं हुए हैं
गोदाम में 130000 गेहूं के कटे रखे हुए हैं जिन पर पानी डालकर उनका वजन बढ़ाकर गोलमाल किया जा रहा था इस माल को उठाने के लिए स्पेशल लगी हुई थी। जो रेलगाड़ी में लोड करके राजस्थान भेजा जा रहा था।जो आगे जाकर सरकारी डिपो बीपीएल परिवारों को बांटा जाना था
पिछले साल भी शिकायत दर्ज हुई थी
पिछले साल भी 29 अगस्त की रात को शहर के प  प्यौदा  रोड स्थित है पर गोदाम में गेहूं के स्टॉक का वजन बढ़ाने को लेकर पानी का छिड़काव किया जा रहा था सूचना पर रात को ही जिला प्रशासन की टीम ने रेड की सामने आया था।  कि गेहूं के स्टॉक पर पानी की पाइप चलती हुई मिली कर्मचारी और अधिकारी फरार बताए गए।  इसके बाद हैफड  इंस्पेक्टर के खिलाफ शिकायत में गोदाम का रखरखाव करने वाली शुभम लॉजिस्टिक कंपनी व उसके कर्मचारी पवन के खिलाफ सिविल लाइन थाना में मामला दर्ज हुआ।  इस मामले में हैफेड विभाग द्वारा पुलिस को बताया गया कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ
इस आधार पर पुलिस ने केस को कैंसिल कर दिया।जिसके चलते पिछले साल भी दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।शायद इसी बात का फायदा अब और कर्मचारी उठा रहे हैं।  कि विभाग की कार्यवाही केवल केस दर्ज करने तक ही सीमित रहती है इससे साफ है कि अबकी बार भी कार्रवाई ठंडा बस्ते  में डाल दी जाएगी क्योंकि इस गड़बड़ी के तार कई बड़े अधिकारियों तक जुड़े होते हैं  वही है हैफड  के अध्यक्ष जिला मैनेजर की दोनों की अगर बातों पर गौर किया जाए तो दोनों की बातों पर बहुत बड़ा अंतर है  जहां एक तरफ हैफड  अध्यक्ष कैलाश भगत मामला दर्ज करने के लिए आदेश डीएम को दिए गए जाने की बात कह रहे हैं।  तो वही हैफेड DM सुरेश वेद इस बात को सिरे से नकार  रहे हैं।अब देखना होगा इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाएगी या फिर मामले को फिर ठंडा बस्ते  में डाल दिया जाएगा