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राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी में तबादलों की लिस्ट अटकी, जानें तबादलों में देरी की वजह 

राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद भी बड़े स्तर पर नौकरशाही में तबादलों की अनिश्चितता बनी हुई है। भाजपा सरकार के आठ महीने पूरे होने के बावजूद, कई महत्वपूर्ण विभागों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी अब भी काम कर रहे हैं। यह अनिश्चितता अधिकारियों के कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, जिससे सरकारी कार्यों में देरी हो रही है।
 

Rajasthan News: राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद भी बड़े स्तर पर नौकरशाही में तबादलों की अनिश्चितता बनी हुई है। भाजपा सरकार के आठ महीने पूरे होने के बावजूद, कई महत्वपूर्ण विभागों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी अब भी काम कर रहे हैं। यह अनिश्चितता अधिकारियों के कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, जिससे सरकारी कार्यों में देरी हो रही है।

राज्य में लगभग 40 आईएएस, 55 आईपीएस और 25 आईएफएस अधिकारी तबादलों का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कई अधिकारी 2020 से ही अपने पदों पर बने हुए हैं। इस अनिश्चितता के चलते अधिकारी बड़े फैसले लेने से बच रहे हैं, क्योंकि उन्हें किसी भी समय तबादले की आशंका बनी रहती है।

विपक्ष का तंज और सरकार की प्रतिक्रिया

विधानसभा में विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कामों की आलोचना कर रही है, लेकिन कई अधिकारी अब भी उन्हीं पदों पर बने हुए हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी इस मामले पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि भाजपा द्वारा लगाए गए आरोप निराधार साबित हुए हैं।

अधिकारियों की चिंता

तबादलों की सूची के न आने से अधिकारी भी असमंजस में हैं। इससे जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि अधिकारी अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं। सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि अधिकारी अनिश्चितता की स्थिति को छोड़कर अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।