हरियाणा में शहीद सिपाही और कैप्टन की बहन को मिलेगी सरकारी नौकरी, सरकार ने की घोषणा
मंत्रिमंडल की बैठक में शहीद सिपाही सत्यवान की बहन और शहीद कैप्टन कपिल कुंडू की बहन को असाधारण मामलों में छूट देते हुए सरकारी नौकरी देने को घटनोत्तार स्वीकृति प्रदान की गई। शहीद सिपाही सत्यवान की बहन मंजू रानी को मौलिक शिक्षा विभाग में लिपिक के रिक्त पद पर और शहीद कैप्टन कपिल कुंडू की बहन काजल कुंडू को रोजगार विभाग में सहायक रोजगार अधिकारी (ग्रुप-बी) के पद पर सरकारी नौकरी प्रदान की गई है।
सिपाही सत्यवान गांव चदेनी चरखी दादरी 03 अप्रैल 2004 को जम्मू- कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हो गए थे जबकि कैप्टन कपिल कुंडू गांव रणसीका तहसील पटौदी गुरुग्राम 04 फरवरी 2018 को जम्मू- कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हो गए थे। दोनों अविवाहित थे और उनका कोई भाई नहीं था।
सरकार की पॉलिसी के अनुसार हरियाणा के मूल निवासी सशस्त्र सेना कार्मिकों/अर्धसैनिक बलों के शहीद कार्मिकों के आश्रितों को अनुकंपा आधार पर रोजगार प्रदान करने के लिए नीति बनाई गई है। नीति के अनुसार परिवार में कमाने वाले की मृत्यु के कारण मृतक सैनिक के परिवार का पालन-पोषण करने के उद्देश्य से उनके एक आश्रित को श्रेणी दो, तीन और चार में रोजगार प्रदान किया जा रहा है। अनुग्रह योजना के तहत रोजगार प्रदान करने के लिए सरकार की उक्त नीति के अनुसार मृतक के आश्रित अर्थात पति/पत्नी, आश्रित बच्चे, पुत्र, पुत्री (विवाहित अथवा अविवाहित), भाई अथवा कानूनी रूप से गोद लिए गए पुत्र/पुत्री को रोजगार के लिए विचार किया जाता है।
सरकार ने दी स्टाम्प सीमा को बढ़ाकर 20 हजार रुपए करने की मंजूरी
हरियाणा प्रदेश में मंत्रिमंडल की बैठक में पंजीकृत स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा गैर न्यायिक और न्यायिक स्टाम्पों की बिक्री सीमा को 10000 रुपये से बढ़ाकर 20000 रुपये करने की मंजूरी प्रदान की गई।
इस निर्णय से स्टाम्प विक्रेता संघ की मांग पूरी हो गई है। इस निर्णय से स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा ई-स्टाम्प गैर-न्यायिक और न्यायालय शुल्क स्टाम्पों की बिक्री की सीमा 10000 रुपये से बढ़कर 20000 रुपये प्रति केस हो जाएगी। स्टाम्प विक्रेताओं को 100 रुपये तक के मूल्यवर्ग के कित/विशेष चिपकाने वाले गैर- न्यायिक स्टाम्प बेचने की अनुमति भी होगी।
इस वृद्धि से पंजीकृत स्टाम्प विक्रेताओं की आय में वृद्धि होगी और उनके समक्ष आने वाली वित्तीय कठिनाई कम होगी। जनता द्वारा उच्च मूल्य के न्यायालय शुल्क स्टाम्पों की सुगम खरीद सुनिश्चित होगी। जिससे कोषागारों/उप- कोषागारों पर निर्भरता कम होगी।