ममता बनर्जी के लेटर का मोदी सरकार ने दिया जवाब, कह दी ये बातें, जानें
Breaking News: कोलकाता के केजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। इस गंभीर घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। दोनों दल सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस मामले में अब तक क्या हुआ है।
बीजेपी के बंद और टीएमसी का विरोध प्रदर्शन
टीएमसी ने 31 अगस्त 2024 को पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसके पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टीएमसी समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरे राज्य में प्रोटेस्ट करने का आह्वान किया। दूसरी तरफ, बीजेपी ने इस घटना को लेकर ममता सरकार को कठघरे में खड़ा किया है और उनके खिलाफ सड़कों पर विरोध किया है।
ममता बनर्जी की केंद्र से मांग
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के खिलाफ सख्त कानून की मांग की है। उन्होंने कहा है कि वह राज्य विधानसभा में ऐसा कानून लाएंगी जिससे रेप के मामलों का निपटान 10 दिनों के भीतर हो सके। ममता ने चेतावनी दी है कि अगर राजभवन इस बिल को पारित नहीं करता है, तो वहां भी प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री का जवाब
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) की स्थापना में राज्य सरकार ने देरी की है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 48,600 रेप और पॉक्सो के मामले लंबित हैं, लेकिन राज्य ने अभी तक सभी जरूरी कोर्ट स्थापित नहीं किए हैं।
भाजपा का ममता बनर्जी पर हमला
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को पत्र लिखने के बजाय इन सवालों के जवाब देने चाहिए कि राज्य सरकार ने अब तक क्या किया है।
कोलकाता रेप केस ने पश्चिम बंगाल की राजनीति को गरमा दिया है। बीजेपी और टीएमसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी है, जबकि राज्य की जनता जल्द न्याय की मांग कर रही है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारें क्या कदम उठाती हैं।