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वाहन चालकों अब सरपट दौड़ाना गाड़ियां, यह एक्सप्रेसवे खुलते ही इन जिलों की होगी बल्ले बल्ले 

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से क्षेत्र का विकास होगा। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्र के आर्थिक विकास में सुधार करेगा, जिससे लोगों की गतिशीलता और जीवन स्तर में सुधार होगा। नई कनेक्टिविटी से नए क्षेत्रों और आवासीय क्षेत्रों का भी विकास होगा।
 

Varanasi-Kolkata Expressway: वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे से क्षेत्र का विकास होगा। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्र के आर्थिक विकास में सुधार करेगा, जिससे लोगों की गतिशीलता और जीवन स्तर में सुधार होगा। नई कनेक्टिविटी से नए क्षेत्रों और आवासीय क्षेत्रों का भी विकास होगा।

भारत सरकार की भारतमाला परियोजना का अहम हिस्सा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे लगभग 610 किलोमीटर लंबा और छह लेन का होगा, जिसका भविष्य में विस्तार भी किया जा सकता है। इस परियोजना का लक्ष्य यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के लोगों के लिए कनेक्टिविटी में सुधार करना है।

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को कम कर देगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से जिन शहरों से यह गुजरता है उनके बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। यह नई कनेक्टिविटी यात्रियों को अधिक आरामदायक और समय-कुशल यात्रा अनुभव प्रदान करेगी।

इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा फायदा ट्रैफिक मैनेजमेंट में देखने को मिलेगा. एक्सप्रेसवे के खुलने से आसपास के यातायात का मार्ग बदलने में मदद मिलेगी, जिससे शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और यातायात की स्थिति में सुधार होगा।

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे माल ढुलाई और व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा देगा। कोलकाता और हल्दिया के बंदरगाहों का उपयोग पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार और झारखंड में समुद्री व्यापार के लिए किया जाता है। इस एक्सप्रेसवे के खुलने से माल लाने-ले जाने में लगने वाला समय कम हो जाएगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी।

यह एक्सप्रेसवे आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। बेहतर कनेक्टिविटी से माल की आवाजाही की गति बढ़ेगी, जिससे उद्योगों का विकास होगा और नई नौकरियों का सृजन होगा। एक्सप्रेसवे का निर्माण क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।