Haryana Pension Scheme: नायब सैनी सरकार ने हरियाणा में पेंशन बढ़ाकर की 20 हजार रुपए, प्रदेश में इन लोगों की हो गई मौज
Haryana Pension Scheme: हरियाणा प्रदेश में नायक सैनी सरकार ने पेंशन में बढ़ोतरी करते हुए 20 हजार रुपए कर हजार उन लोगों को कोई बल्ले-बल्ले कर दी। आपको बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हिन्दी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों को यह बड़ा तोहफा दिया है।
मुख्यमंत्री ने सत्याग्रहियों की पैंशन में 5000 रुपए से बढ़ोतरी कर 20 हजार रुपये प्रति माह करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रवक्ता ने बताया कि सूचना, जनसंपर्क, भाषा
एवं संस्कृति विभाग 161 मातृभाषा सत्याग्रहियों या उनके जीवित पति/पत्रियों को 15000 रुपए मासिक पैंशन वितरित करता है। प्रस्तावित वृद्धि 20000 रुपए प्रति माह होने से 96.60 लाख रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय होगा। जिससे कुल वार्षिक बजट लगभग 3.86 करोड़ रुपए हो जाएगा।
18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सरकार दे रही 4 हजार रुपए प्रति महीना
हरियाणा सरकार 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को 4 हजार रुपए प्रति महीना दे रही है। हरियाणा प्रदेश में आपको लाखों की संख्या में ऐसे बच्चे मिल जाएंगे जो गरीबी के चलते या अपने सिर से मां-बाप का साया उठने की वजह से पढ़ाई नहीं कर पाते। ऐसे बच्चे जो इन कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं उनको प्रदेश सरकार स्कॉलरशिप के रूप में अब प्रति महीना 4 हजार रुपए की राशि दे रही है। इस राशि से कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ घर चलाने में भी सहायता प्राप्त होगी।
गरीब, एकल अभिभावक व अनाथ बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार ने शुरू की है स्पोंसरशिप स्कीम
सोनीपत जिले के उपायुक्त डा. मनोज कुमार ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गरीब, एकल अभिभावक व अनाथ बच्चों की पढ़ाई के लिए स्पोंसरशिप स्कीम के तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को 04 हजार रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह लाभ परिवार में केवल दो बच्चों को ही मिल सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि इस स्कीम का लाभ लेने के लिए बच्चे की मां विधवा या तलाकशुदा हो या बच्चा परिवार द्वारा परित्यक्त हो। इसके अलावा बच्चा अनाथ हो और विस्तारित परिवार के साथ रह रहा हो। ग्रामीण क्षेत्र में बच्चे के परिवार की वार्षिक आय 72 हजार तथा शहरी क्षेत्र में 96 हजार हो।
इसके अलावा जेजे अधिनियम, 2015 के अनुसार और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चे जैसे बिना घर, किसी प्राकृतिक आपदा से पीड़ित, बाल श्रम, बाल विवाह से पीड़ित, तस्करी किए गए बच्चे, एचआईवी एड्स से प्रभावित बच्चे, लापता या घर से भागे हुए बच्चे, भीख मांगने वाले या सडक पर रहने वाले बच्चे जिन्हे सहायता और पुनर्वास की आवश्यकता है वे भी इस योजना के लिए पात्र होंगे