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एनसीसी कैडेटस ने लिया फायरिंग का प्रशिक्षण, अध्यापकों की प्रेरणा से ही मिलती है काबिलियत : नरेश जागलान

एनसीसी कैडेटस ने लिया फायरिंग का प्रशिक्षण, अध्यापकों की प्रेरणा से ही मिलती है काबिलियत : नरेश जागलान
 

15 हरियाणा एनसीसी बटालियन द्वारा आयोजित कैम्प के छठे दिन सभी सीनियर डिवीजन एनसीसी कैडेट्स को और अधिकारियों को पुलिस लाइन एरिया में ले जाया गया और उनसे फायरिंग करवाई गई।
इसके तत्पश्चात सीआरएसयू के योगा हाल में सभी कंपनियों की क्विज प्रतियोगिता करवाई गई।

इसमें लेफ्टिनेंट पंकज बतरा ने सभी प्रतिभागियों से एनसीसी और सामान्य ज्ञान विषय पर प्रश्न पूछे। ब्रावो कम्पनी ने सर्वाधिक प्रश्नों का सही उत्तर देकर प्रथम स्थान हासिल किया। सभी विजेता कंपनियों को कर्नल जगजोत ने सम्मानित किया। एनसीसी केयरटेकर ट्रेनिंग में एनसीसी अधिकारी नंदलाल ने एनसीसी एक्ट और रूल्स के बारे में जानकारी दी। आर्मी रिक्रूटमेंट आफिस हिसार से कर्नल सावंत ने शिरकत की और कैडेट्स को आर्मी में आॅफिसर केडर की भर्तियों के बारे में जानकारी दी और उन्हें प्रोत्साहित किया।


अध्यापकों की प्रेरणा से ही मिलती है काबिलियत : नरेश जागलान


शिक्षण कार्य को प्रभावी व रुचिकर बनाने हेतु स्मार्ट किड प्राइमरी स्कूल सेक्टर 11 में एक दिवसीय "आर्ट आॅफ टीचिंग" कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मनोवैज्ञानिक नरेश जागलान ने अध्यापकगण को विभिन्न शिक्षण पद्धतियों अवगत करवाया, जिनसे बच्चों का सर्वांगीण  विकास हो सके। उन्होंने आदर्श शिक्षकों में विराजमान गुणों का व्याख्यान किया, शिक्षक ही बच्चों में यकीन पैदा करते हैं, इरादे पैदा भरते हैं, ऊर्जा भरते हैं, जिंदगी के सफर को आसान करते हैं, जिससे बच्चों की राहों में रोशनी आती है तथा शिक्षक ही बच्चों के हूनर को पहचान कर पढ़ने की प्यास व तलाक पैदा करते हैं।

काबिल अध्यापक ही बच्चों के हुनर को पहचान कर ख्वाब जगाता है, जुनून भरता है और बेहतर व काबिल इंसान बनाता है। नरेश जागलान ने बताया कि परमात्मा और मां के बाद अगर किसी में सृजन की ताकत है तो वह केवल शिक्षक ही है, जो अध्यापक ज्ञान को तोहफे की तरह बांटता है उसके किरदार का समाज में आजीवन सम्मान रहता है। शिक्षक का कार्य ही सारे प्रोफेशन का जनक है, इसलिए समाज में आज भी शिक्षक का सम्मान सर्वोपरि है। स्मार्ट किड प्राइमरी स्कूल की मुख्य अध्यापिका मंजू फोगाट ने बताया कि शिक्षा के कारण समाज में जो  सकारात्मक बदलाव आज देख रहे हैं उसका श्रेय नए दौर के अध्यापक को ही जाता है। आधुनिक शिक्षकों ने पुरानी रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़कर अति सराहनीय कार्य किए हैं।