उचाना उपमंडल में हुई महापंचायत में नहीं हुआ किसी के नाम पर फैसला, उम्मीदार तय करने के लिए अब दोबारा होगी महापंचायत
उचाना में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति सरगर्मी शुरू हो चुका है। उपमंडल धरना कमेटी द्वारा उपमंडल कार्यालय में पंचायती उम्मीदवार का नाम चुनने के लिए हुई महापंचायत में कोई फैसला नहीं हुआ। वक्ताओं ने कहा कि हलके में 66 गांव उचाना मंडी सहित आते है। महापंचायत में 37 गांव के ग्रामीण पहुंचे है। जब तक सभी गांव से लोग नहीं आते फैसला नहीं हो सकता है। अब सभी गांव-गांव जाकर लोगों को भविष्य में होने वाली महापंचायत के निमंत्रण दिया जाएगा। 37 सदस्यों को को कमेटी में शामिल किया गया।
वक्ताओं ने कहा कि 1977 में उचाना हलका बना था। तब से लेकर आज तक सिर्फ उचाना का मतदाता वोट लेने के लिए याद आता है। चुनाव जीतने के बाद यहां के लोगों की कोई सुध नहीं ली जाती है।
महापंचायत सर्वसम्मति से चुनेगी अपना विधानसभा उम्मीदवार
इस बार महापंचायत करके सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुना जाएगा। इस उम्मीदवार की जीत के लिए हलके के हर गांव-गांव टीम बना कर जाएंगे। इस बार हलके में बड़ा बदलाव होगा। आज उचाना हलका विकास, रोजगार के मामले में पीछे है। यहां पर नाम तो बड़े है लेकिन काम दिखाई नहीं देते है। आज तक कोई बड़ा उद्योग यहां नहीं लगा है। सरकारी कॉलेज, खेल स्टेडियम, नागरिक अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं है। किसानों को नहरी पानी तक पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है। इस बार लोग बदलाव का मन बना चुके है। पंचायती उम्मीदवार का सर्वसम्मति से सभी गांवों के लोग मिलकर नाम तय करेंगे। मंच संचालन सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक रामदास डाहोला ने किया।
यह लोग रहे मुख्य रूप से मौजूद
इस मौके पर आजाद पालवां, सिक्कम सफा खेड़ी, सूरजमल खटकड़, फकीर शर्मा, सूरजा, हवा सिंह, जयपाल, प्रेम, रामफल, रामनिवास, टेकराम, नेतराम, जंगीर, शीला, महीपाल, डॉ. वीरेंद्र, पप्पू बड़ौदा, राजा अलेवा, हकुम सिंह, ईश्वर मौजूद रहे।