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हरियाणा में अब कर्मचारी भी ले सकेंगे बुढ़ापा पेंशन। 

हरियाणा में अब कर्मचारी भी ले सकेंगे बुढ़ापा पेंशन। 
 

हरियाणा में अब तीन हजार रुपये से कम मासिक पेंशन वाले कर्मचारी भी बुढापा पेंशन के हकदार होंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी की घोषणा के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है।

विदित हो कि हरियाणा सरकार में करीब सवा लाख कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें ईपीएफ की पेंशन राशि बुढ़ापा पेंशन से भी काफी कम मिलती है। प्रदेश में इस समय तीन हजार रुपये मासिक बुढ़ापा पेंशन है, जिसे बढ़ाने को लेकर सरकार पहले ही मंथन कर रही है। सत्ता में आने पर कांग्रेस छह हजार तो इनेलो - बसपा गठबंधन 7500 रुपये बुढापा पेंशन देने की घोषणा कर चुके हैं।

प्रदेश में कई विभागों के कर्मचारियों की पेंशन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से मिलने वाली पेंशन से भी कम है। सरकार को पता चला कि प्रदेश में एचएमटी, एमआईटीसी समेत कई विभागों के ऐसे कर्मचारी हैं, जिनकी मासिक पेंशन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से मिलने वाली पेंशन से कम है।

इन कर्मचारियों को ईपीएफ से पेंशन की राशि एक हजार से लेकर दो हजार रुपये मासिक मिल रही है। पूर्व सीएम मनोहर लाल ने बजट में इन कर्मचारियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पेंशन के दायरे में लाने का ऐलान किया था।

इन कर्मचारियों को ईपीएफ से पेंशन राशि एक हजार रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने अंतिम बजट में इन कर्मचारियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पेंशन सुविधा के दायरे में शामिल करने का एलान किया था।

अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने अधिसूचना जारी कर साफ कर दिया है कि जिन रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन या ईपीएफ राशि तीन हजार रुपये से कम है, वे सभी बुढ़ापा पेंशन के पात्र होंगे। उन्हें अभी मिलने वाली राशि और तीन हजार के अंतर की राशि का भुगतान पेंशन के रूप में सरकार करेगी।

अधिसूचना में साफ किया गया है कि किसी भी सरकारी, स्वायत्ताप्रदान संस्था से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी की पेंशन के गैप को सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के माध्यम से मिलने वाली पेंशन के माध्यम से पूरा किया जाएगा।