अब बॉर्डर पर सोलर विमान से होगी निगरानी, 90 दिनों तक उड़ता रहेगा लगातार, जानें इसके बारे में अधिक
भारत में वैज्ञानिक एक अत्याधुनिक सोलर विमान पर काम कर रहे हैं जो विमानन की दुनिया में एक नया मुकाम साबित हो सकता है। इस विमान का नाम हाई एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म (एचएपी) है, और यह 90 दिनों तक उड़ान भरने में सक्षम होगा।
Sep 15, 2024, 11:57 IST
भारत में वैज्ञानिक एक अत्याधुनिक सोलर विमान पर काम कर रहे हैं जो विमानन की दुनिया में एक नया मुकाम साबित हो सकता है। इस विमान का नाम हाई एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म (एचएपी) है, और यह 90 दिनों तक उड़ान भरने में सक्षम होगा।
एचएपीएस एक सौर ऊर्जा से संचालित विमान है जो बिना पायलट के पूरी तरह ऑटोमैटिक मोड पर कार्य करता है। यह विमान 17 से 20 किमी की ऊंचाई पर दिन-रात उड़ान भर सकता है। इसे एक छद्म सैटेलाइट के रूप में भी जाना जा रहा है।
एचएपीएस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह दुश्मन के क्षेत्र पर निगरानी रखने में अत्यंत सक्षम होगा। इसका उपयोग सैन्य अभियानों, इंटेलिजेंस गेदरिंग, और सर्विलांस में किया जा सकता है। इसके विशेष उपयोगों में शामिल हैं:
बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप न्यू स्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज़ ने इसका एक प्रोटोटाइप भी विकसित किया है, जो 24 घंटे की उड़ान भरने में सक्षम है। एनएएल के मुताबिक, इस विमान को भविष्य में सटीक सेंसर्स के साथ लैस किया जाएगा, जिससे यह दिन-रात किसी भी मौसम में प्रभावी रहेगा।
वर्तमान में, दुनिया में एकमात्र एचएपीएस एयरबस जेफायर है, जिसने अमेरिका के एरिजोना रेगिस्तान में 64 दिन की उड़ान भरी है। भारत के इस सोलर विमान की तुलना में अन्य देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और न्यूजीलैंड भी इस तरह के विमानों पर काम कर रहे हैं।
एचएपीएस एक सौर ऊर्जा से संचालित विमान है जो बिना पायलट के पूरी तरह ऑटोमैटिक मोड पर कार्य करता है। यह विमान 17 से 20 किमी की ऊंचाई पर दिन-रात उड़ान भर सकता है। इसे एक छद्म सैटेलाइट के रूप में भी जाना जा रहा है।
एचएपीएस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह दुश्मन के क्षेत्र पर निगरानी रखने में अत्यंत सक्षम होगा। इसका उपयोग सैन्य अभियानों, इंटेलिजेंस गेदरिंग, और सर्विलांस में किया जा सकता है। इसके विशेष उपयोगों में शामिल हैं:
बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप न्यू स्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज़ ने इसका एक प्रोटोटाइप भी विकसित किया है, जो 24 घंटे की उड़ान भरने में सक्षम है। एनएएल के मुताबिक, इस विमान को भविष्य में सटीक सेंसर्स के साथ लैस किया जाएगा, जिससे यह दिन-रात किसी भी मौसम में प्रभावी रहेगा।
वर्तमान में, दुनिया में एकमात्र एचएपीएस एयरबस जेफायर है, जिसने अमेरिका के एरिजोना रेगिस्तान में 64 दिन की उड़ान भरी है। भारत के इस सोलर विमान की तुलना में अन्य देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और न्यूजीलैंड भी इस तरह के विमानों पर काम कर रहे हैं।