Employee pension: हरियाणा में अब इन अस्थाई कर्मचारियों को भी मिलेगी पेंशन, हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
Employee pension: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार की लगभग एक दर्जन अपीलें एक साथ खारिज करते हुए कर्मचारियों को पेंशन लाभ (employee pension) देने के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हरियाणा सरकार ने पेंशन लाभ न
देने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का बार- बार दरवाजा खटखटाया।
सरकार चपरासी की सेवा स्कूल में चार घंटे बताती रही मगर हाईकोर्ट ने सरकार की दलील नहीं मानी।
हाईकोर्ट ने पेंशन लाभ (employee pension) देने के लिए रेगुलर हुए कर्मचारी की अस्थायी सेवा को भी मानने का फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस जस्टिस जगमोहन बंसल की खंडपीठ ने इन अपीलों पर 10 जुलाई, 2024 को फैसला सुरक्षित रखा था और 26 जुलाई, 2024 को यह फैसला सुनाया गया। खंडपीठ ने 12 अपीलों का फैसला एक साथ सुनाया है।
जयभगवान हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग में 06.08.1992 को चपरासी नियुक्त हुआ था। बिना किसी बाधा के जयभगवान ने अगस्त, 1992 से फरवरी, 2011 तक काम किया और 27.02.2012 को रेगुलर हुआ। वह 31.10.2015 को रिटायर हो गया।
जयभगवान और अन्य ने हाईकोर्ट में अप्रोच कर आग्रह किया कि दो दशक तक उन्होंने जो एडहॉक आधार पर सेवा की है, उसे पेंशन लाभ देने के लिए गिना जाए। सिंगल बेंच ने 01.03.2019 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फुल बेंच के फैसले के आधार पर मत बनाया कि याचिकाकर्ता पुरानी
पेंशन स्कीम के तहत योग्य है और 06.08.1992 से 27.02.2012 तक की गई सेवा को पेंशन लाभ (employee pension scheme) के लिए क्वालीफाइंग सर्विस गिना जाए। हरियाणा सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले से व्यथित महसूस करते हुए अपील दायर कर दी।