Haryana News: एक जुलाई से पुलिस नए कानूनों के मुताबिक करेगी कार्रवाई, अभी देखें ये काम की खबर
पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को सूचित करने के लिए पुलिस लाइन के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था।
Jun 14, 2024, 19:51 IST
Haryana News: अब पुलिस प्रशासन को 1 जुलाई से बदले गए नए कानूनों के अनुसार कार्रवाई करनी होगी। इन नए कानूनों के बारे में जिला पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को सूचित करने के लिए पुलिस लाइन के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस सेमिनार में, उप जिला अटॉर्नी डॉ. चंद्रमोहन ने भारत सरकार द्वारा संशोधित तीन नए कानूनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कानून में बदलाव का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाना है।
डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि गंभीर आपराधिक मामलों में एफएसएल की सहायता लेनी अति आवश्यक है। समय की मांग को देखते हुए डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मान्यता दी गई है। तुच्छ मामलों में अपराध करने वालों के लिए कानून में सामाजिक दंड देने का प्रावधान किया गया है। कुछ मामलों में अनुसंधानकर्ताओं को राजपत्रित अधिकारी की पूर्व अनुमति से परिवाद की जांच करने के लिए समय दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। नए कानूनों में कई गंभीर मामलों में सजा को बढ़ाया गया है ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को अधिक सजा मिले। इस मौके पर डीएसपी लाडवा तरुण सैनी, कुलदीप सिंह, सुरेंद्र कुमार, मोहन लाल, जगदीश टामक, कुलबीर कौर, निर्मल सहित थाना व चौकी प्रभारी मौजूद रहे।
उप जिला अटार्नी डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि समय की मांग को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा तीन नए कानून पारित किए गए हैं। सरकार द्वारा पारित तीन नए कानून अगले महीने 1 जुलाई से पूरे देश में लागू किए जाएंगे। 1 जुलाई के बाद, भारतीय दंड संहिता को भारतीय दंड संहिता, 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, और साक्ष्य अधिनियम को भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।
बताया कि समय की मांग को देखते हुए पुराने कानूनों में काफी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जिस समय वह कानून बनाए गए थे उस समय तक उनकी महत्ता काफी थी, लेकिन आज के समय में वह कानून पूर्ण रूप से समय के अनुरूप नहीं थे। इसलिए सरकार द्वारा मुलभूत परिवर्तन लाकर विधि द्वारा पारित किया गया है। अब पुलिस विभाग को परिवर्तित कानूनों के मुताबिक कार्रवाई करनी होगी।
डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि गंभीर आपराधिक मामलों में एफएसएल की सहायता लेनी अति आवश्यक है। समय की मांग को देखते हुए डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मान्यता दी गई है। तुच्छ मामलों में अपराध करने वालों के लिए कानून में सामाजिक दंड देने का प्रावधान किया गया है। कुछ मामलों में अनुसंधानकर्ताओं को राजपत्रित अधिकारी की पूर्व अनुमति से परिवाद की जांच करने के लिए समय दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। नए कानूनों में कई गंभीर मामलों में सजा को बढ़ाया गया है ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को अधिक सजा मिले। इस मौके पर डीएसपी लाडवा तरुण सैनी, कुलदीप सिंह, सुरेंद्र कुमार, मोहन लाल, जगदीश टामक, कुलबीर कौर, निर्मल सहित थाना व चौकी प्रभारी मौजूद रहे।