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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा ! शांति की पहल या रणनीतिक कदम?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने यूरोप दौरे के दूसरे चरण में यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचने वाले हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के चलते वैश्विक राजनीति में तनाव बढ़ा हुआ है। पीएम मोदी का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने हाल ही में रूस का दौरा किया था, और अब वह यूक्रेन जा रहे हैं।
 

Narendra Modi Ukraine visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने यूरोप दौरे के दूसरे चरण में यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचने वाले हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के चलते वैश्विक राजनीति में तनाव बढ़ा हुआ है। पीएम मोदी का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने हाल ही में रूस का दौरा किया था, और अब वह यूक्रेन जा रहे हैं।

पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा केवल एक साधारण यात्रा नहीं है। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करना है, साथ ही रूस के साथ भी संतुलन बनाए रखना। पीएम मोदी ने पहले भी कई मौकों पर यूक्रेन में शांति स्थापित करने की बात की है और यह दौरा उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पीएम मोदी इस दौरे के दौरान यूक्रेन में शांति स्थापित करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।  यूक्रेन दौरे के जरिए भारत पश्चिमी देशों को यह संदेश देना चाहता है कि वह रूस के साथ अपने संबंधों को संतुलित रखने के बावजूद अन्य देशों के साथ भी घनिष्ठ संबंध बनाए रख सकता है। इस दौरे से भारत की वैश्विक राजनीति में भूमिका को भी मजबूती मिलेगी, खासकर जब बात शांति स्थापित करने की हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन में केवल सात घंटे का दौरा है। इस दौरान वे राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, भारत की ओर से यूक्रेन में मानवीय सहायता और युद्धोपरांत पुनर्निर्माण में योगदान पर भी बातचीत होगी।

इस दौरे के जरिए पीएम मोदी न केवल भारत की वैश्विक छवि को और भी मजबूत करना चाहते हैं, बल्कि भारत के शांति और स्थिरता के प्रयासों को भी उजागर करना चाहते हैं। यह दौरा भारत की गुटनिरपेक्षता की नीति से आगे बढ़कर सभी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा न केवल यूक्रेन और रूस के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण हो सकता है, बल्कि इससे भारत की वैश्विक कूटनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है। इस दौरे के जरिए भारत यह संदेश देना चाहता है कि वह एक शांति प्रिय राष्ट्र है और वैश्विक शांति और स्थिरता में योगदान देना उसकी प्राथमिकता है।