उचाना मांगे बदलाव कार्यक्रम के माध्यम से प्रमुख समाज सेवी एवं कांग्रेस नेता दिलबाग संडील दिखाएंगे ताकत
उचाना मांगे बदलाव के नाम से 18 अगस्त को उचाना हलके के अलेवा के छोटे बस अड्डे पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के माध्यम से कांग्रेस नेता एवं प्रमुख समाज सेवी दिलबाग संडील अपनी ताकत दिखाने का काम करेंगे। इससे पहले भी कई बड़े आयोजन दिलबाग संडील उचाना हलके में कर चुके है। नगूरां में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा पहुंचे थे।
इस समारोह में उमड़ी भीड़ को देख कर खुद दीपेंद्र हुड्डा दंग रह गए थे। निरंतर हलके में समाज सेवी के रूप में जो छवि दिलबाग संडील की बनी है उसका फायदा निरंतर उनको जनसंपर्क अभियान के तहत मिल रहा है। गांव में जन संपर्क अभियान के दौरान मीटिंग में लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
अलेवा में होने वाली उचाना मांगे बदलाव के माध्यम से दिलबाग संडील हलके में निरंतर उनके साथ लोगों का बढ़ रहे जुड़ाव को साबित करेंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से भाजपा के दस साल के शासनकाल से जबाव मांगने का काम किया जाएगा। दिलबाग संडील ने कहा कि उचाना हलके में नाम बड़े रहे है लेकिन काम हलके में कुछ नहीं किया है। अब हलके की जनता बदलाव का मन बना चुकी है। अलेवा गांव में उचाना मांगे बदलाव में उमड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण होगी कि हलके में इस बार बड़ा बदलाव होगा। यहां के लोग अब परिवारवाद को उचाना हलके से हराने का काम करेंगे। कभी बांगर में राज लाने तो कभी स्त्ता में हिस्सेदारी के नाम पर लोगों के वोट लिए जाते रहे।
उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने दुष्यंत चौटाला को 47 हजार मतों से जीतने का काम किया। जो चंडीगढ़ में सरकारी कोठी मिली जो उन्हें डिप्टी सीएम पद मिली वो उचाना हलके के लोगों की देन था। चंडीगढ़ कोठी में उचाना के लोगों को दुष्यंत से मिलने के लिए कई-कई घंटे लाइनों में लगना पड़ता था। डिप्टी सीएम बनने के बाद जब वो उचाना आए तो खुले मंच से साफ कहा था कि उचाना हलके के लोगों ने उनके चंडीगढ़ आफिस के कॉफी हाऊस बना दिया है। सिरसा जाने के बाद वो कहते है कि सिरसा वालों के लिए उनके दरवाजे हर समय खुले मिलेंगे। इससे साफ है कि सिरसा वाले राज में उनके साथ होते है जबकि उचाना सिर्फ राज में हिस्सेदारी के लिए याद आता है।
संडील ने कहा कि 52 साल तक हलके में राजनीति करने वाले एक परिवार ने सिर्फ लोगों को बहकाने का काम किया। कभी किसी पार्टी तो कभी किसी पार्टी में खुद के स्वार्थ के लिए जाते रहे। अब मतदाता उनके बहकावे में नहीं आएंगे। भाजपा में रह कर जो तीन कृषि कानून की वकालत करते थे बेशक वो अब पार्टी बदल चुके हो लेकिन मतदाता उनके साथ नहीं है। इस बार आम परिवार से संबंध रखने वाला ही उचाना से चंडीगढ़ विधानसभा पहुंचेगा। अलेवा में आयोजित उचाना मांगे बदलाव के बाद ऐसे नेताओं की रातों की नींद उड़ जाएगी।