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Rajasthan Electricity News: राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं की बल्ले बल्ले ! सीएम सैनी ने अभी अभी किया बड़ा ऐलान 

राजस्थान के धौलपुर और रामगढ़ पावर प्लांट (गैस आधारित) अब सस्ती बिजली उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने वाले हैं। हाल ही में, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और गेल इंडिया लिमिटेड के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे इन पावर प्लांट्स की क्षमता और सस्ते बिजली उत्पादन की संभावनाएं बढ़ी हैं।
 

Rajasthan Electricity News; राजस्थान के धौलपुर और रामगढ़ पावर प्लांट (गैस आधारित) अब सस्ती बिजली उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने वाले हैं। हाल ही में, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और गेल इंडिया लिमिटेड के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे इन पावर प्लांट्स की क्षमता और सस्ते बिजली उत्पादन की संभावनाएं बढ़ी हैं।

एमओयू के तहत 600.5 मेगावाट क्षमता के धौलपुर और रामगढ़ पावर प्लांट्स के लिए उचित दर पर गैस आपूर्ति की संभावनाओं की जांच की जाएगी। यह गैस आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे, जिससे बिजली उत्पादन की लागत कम हो सके।

1,000 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना की जाएगी, जिससे सस्ती बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। धौलपुर प्लांट की क्षमता 330 मेगावाट और रामगढ़ प्लांट की क्षमता 270.5 मेगावाट है।

इस परियोजना के माध्यम से 4,200 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जो क्षेत्रीय विकास और रोजगार सृजन में सहायक होगा। संदीप गुप्ता, गेल इंडिया के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ने इस एमओयू को पूरे देश के लिए एक अनूठा उदाहरण बताया।

आलोक गुप्ता, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष और नाथमल डिडेल, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी इस एमओयू की सराहना की। धौलपुर कंबाइंड साइकिल पावर प्लांट में महंगी गैस सप्लाई के कारण 12-13 रुपये प्रति यूनिट बिजली उत्पादन होता है। प्लांट अधिकांश समय बंद रहता है, फिर भी फिक्स चार्ज के करोड़ों रुपये अदा किए जाते हैं।

गैस आपूर्ति की लागत कम होने के साथ, बिजली उत्पादन की लागत भी घटेगी, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलेगी। सोलर पावर प्लांट की स्थापना से नवीनीकरण ऊर्जा स्रोतों में इजाफा होगा और कुल बिजली उत्पादन में विविधता आएगी।

धौलपुर और रामगढ़ पावर प्लांट्स के एमओयू के तहत उठाए गए कदम सस्ती और प्रभावी बिजली उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। यह पहल न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।