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रणदीप सुरजेवाला ने दी बिनैन खाप के प्रधान नफे सिंह नैन को श्रद्धांजलि

 

Haryana News: सर्वखाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्वजातिय बिनैन (नैन) खाप के प्रधान व जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नफे सिंह नैन का 87 वर्ष की आयु में हृदयाघात के कारण हुआ निधन 

कैथल, 26 दिसंबर 2023
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक सर्वखाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्वजातिय बिनैन (नैन) खाप के प्रधान चौ. नफे सिंह नैन के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की। सुरजेवाला ने कहा कि आज हरियाणा की सबसे बड़ी “पंचायती धरोहर” चली गई। आज वो “वटवृक्ष” चला गया, जो सच्ची बात की “प्रतिमूर्ति” थे, जो ग्रामीण परंपराओं की “अद्भुत ख़ान” थे, जो सामाजिक सद्भाव की “जीवंत मिसाल” थे।

उन्होंने कहा कि सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने वाले, फिर चाहे कोई भी बुरा माने या अच्छा…चाहे वो अपना हो या पराया, कोई परवाह नहीं, ऐसे थे हमारे बुज़र्ग चौधरी नफ़े सिंह नैन। इसी निष्पक्षता और न्यायोचित व्यवहारकुशलता की वजह हरियाणा और दूसरे प्रदेशों की पंचायतें दनौदा(नरवाना) आती और वो भी पूरे प्रदेश और देश में जाते पर कहते और करते वही जो “नीति और नैतिकता” की कसौटी पर खरा उतरता।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मेरे पिता स्व. चौ. शमशेर सिंह सुरजेवाला और चौ. नफ़े सिंह नैन को दोस्ती हमेशा बेजोड़ रही। अब दोनों दोस्त कहीं दूर क्षितिज में ज़रूर मिल रहे होंगे। हमने अपने बुज़र्ग की छत्रछाया तो खो दी पर उनका अपार स्नेह, उनकी शिक्षा और उनका न्यायोचित रास्ता व सच के लिए संघर्ष करते रहने का आह्वान सदा हमारे साथ चलता रहेगा। सच्चाई और नीतिगत परंपराओं की वो ज्वाला सदैव हमारे अंतःकरण में धधकती रहेगी।

गौरतलब है कि गांव दनौदा(नरवाना) निवासी चौ. नफे सिंह नैन सर्वखाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्वजातिय बिनैन (नैन) खाप के प्रधान थे। इसके साथ ही जाट आंदोलन के दौरान उन्हें जात महासभा का भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया। बिनैन खाप के दो दशक से अधिक समय तक प्रधान रहे चौ. नफेसिंह नैन का सोमवार शाम को हार्ट अटैक से देहांत हो गया। परिजनों द्वारा उसे हिसार के निजी अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वे 87 साल के थे। प्रदेश की मुख्य खापों में शामिल बिनैन खाप का सामाजिक मुद्दों पर काफी दबदबा रहा है। बिनैन खाप के 52 गांवों के साथ अन्य खापों में उनकी अच्छी छवि रही और दूसरी खापों के लोग भी उन पर निर्णय की बात छोड़ देते थे। पंचायतों में उनका ही निर्णय स्वीकार किया जाता रहा है। प्रधान नफेसिंह नैन सामाजिक कार्यों में रुचि लेते थे। जाट, किसान आंदोलन समेत मुद्दों के आंदोलनों में उनकी भूमिका रही थी।