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Dwarka Expressway पर 120 दिन बाद भी शुरू नहीं हो पाया सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम, नोटिफिकेशन का इंतजार

29 किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने चार महीने पहले किया था। यह दिल्ली के लिए एक वैकल्पिक मार्ग है। केवल 20 मिनट में सड़क मार्ग से दिल्ली पहुँचा जा सकता है।
 
Haryana News, गुरुग्राम। देश के पहले एलिवेटेड एक्सप्रेसवे को ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आधारित जीएनएसएस टोल संग्रह के लिए इंतजार करना होगा। इस संबंध में अधिसूचना जारी की जानी बाकी है। हालांकि, इस प्रणाली का परीक्षण शुरू होने के बाद इसे देश के राजमार्ग संख्या 275 और 709 पर शुरू किया गया है। यह प्रणाली भी इसी टोल से शुरू होगी। 29 किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने चार महीने पहले किया था। यह दिल्ली के लिए एक वैकल्पिक मार्ग है। केवल 20 मिनट में सड़क मार्ग से दिल्ली पहुँचा जा सकता है।
 
सीपीएक्स-एनएचएआई पर आधारित ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) को कर्नाटक में बेंगलुरु-मैसूर राजमार्ग 275 और हरियाणा में पानीपत-हिसार राजमार्ग 709 पर लॉन्च किया गया है। इस संबंध में एक आधिकारिक घोषणा कुछ दिन पहले की गई थी। इस प्रणाली में फास्ट टैग की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। अब यह व्यवस्था दिल्ली की ओर जाने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे पर बनाए जा रहे बूथ प्वाइंट से शुरू होगी।

एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मार्च को किया था। 29 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे में से 19 किलोमीटर गुरुग्राम में और 10 किलोमीटर दिल्ली में पड़ता है। कई महीनों के बाद भी टोल शुरू नहीं हुआ है। शुरुआत में इस एक्सप्रेसवे पर लगभग पांच हजार वाहनों की आवाजाही थी। अब यहाँ यातायात दोगुना हो गया है। इस मार्ग पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में वाहन चलते हैं।