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यूपी में किसानों के लिए आई झूमने वाली खबर ! नंदिनी कृषक समृद्धि योजना करेगी निहाल, जानें...

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना उत्तर प्रदेश में डेयरी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। इस योजना के तहत किसानों को बेहतर पशु नस्ल, वित्तीय सहायता और स्थिर आय का लाभ मिलेगा, जो डेयरी क्षेत्र की वृद्धि और समृद्धि में योगदान देगा।
 

Nandini Krishak Samridhi Yojana: नंदिनी कृषक समृद्धि योजना उत्तर प्रदेश में डेयरी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। इस योजना के तहत किसानों को बेहतर पशु नस्ल, वित्तीय सहायता और स्थिर आय का लाभ मिलेगा, जो डेयरी क्षेत्र की वृद्धि और समृद्धि में योगदान देगा।

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत सरकार किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली नस्ल के मवेशी खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना विशेष रूप से साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगाथिरी नस्लों को बढ़ावा देती है, जो दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करती हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली गाय की नस्लों को बढ़ावा देना और दूध उत्पादन में सुधार करना है।

सरकार ने 25 दुधारू गायों वाली डेयरी इकाई स्थापित करने के लिए 62.5 लाख रुपये की अनुमानित लागत पर 50% सब्सिडी प्रदान की। इस योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाले दूध के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना से किसान की आय में सुधार होगा और अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलेगी।

यह योजना तीन चरणों में लागू की गई थी

प्रथम चरण: डेयरी इकाइयों के निर्माण के लिए 25% सब्सिडी।
दूसरा चरण: दूध देने वाली गायों की खरीद, 3 साल का बीमा और परिवहन के लिए 12.5% ​​​​सब्सिडी।
चरण III परियोजना लागत की शेष 12.5% ​​​​सब्सिडी

पात्रता मापदंड

अनुभव: आवेदकों के पास पशुपालन में कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

भूमि: डेयरी इकाई को समायोजित करने के लिए न्यूनतम 0.5 एकड़ भूमि और हरे चारे के लिए 1.5 एकड़ भूमि होनी चाहिए।

दस्तावेज़: पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट आकार की तस्वीर और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर।

आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन और ऑफलाइन: आवेदक ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

चयन प्रक्रिया: अधिक संख्या में आवेदन आने पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा इलेक्ट्रॉनिक लॉटरी द्वारा चयन किया जायेगा।

योजना का प्रारंभिक चरण उत्तर प्रदेश के जिलों में शुरू किया गया था, जिनमें अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, झाँसी, मेरठ, आगरा और बरेली शामिल हैं।