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296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे के किनारे 1700 हेक्टेयर भूमि पर सोलर पार्क विकसित होगा 

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को राज्य का पहला सोलर एक्सप्रेस-वे बनाने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस कदम से न केवल आवागमन को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि यह परियोजना ऊर्जा उत्पादन में भी योगदान देगी।
 

Bundelkhand Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को राज्य का पहला सोलर एक्सप्रेस-वे बनाने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस कदम से न केवल आवागमन को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि यह परियोजना ऊर्जा उत्पादन में भी योगदान देगी।

296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के किनारे 1700 हेक्टेयर भूमि पर सोलर पार्क विकसित होगा। इस सोलर पार्क से रोजाना लगभग 450 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। कंपनियों को 25 वर्षों के लिए पट्टे पर भूमि दी जाएगी।

9 अगस्त को सोलर एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा। सेमिनार में सभी स्टेक होल्डर्स और सौर ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ विस्तृत चर्चा होगी, जिसमें संचित ऊर्जा से लोगों को कैसे लाभ पहुंचे, पर बात की जाएगी। सोलर एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ-साथ, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर 25,000 से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। 10 अगस्त को प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य की प्रगति और गुणवत्ता की समीक्षा बैठक होगी।  मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी अधिकारियों के साथ निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का सोलर रूप न केवल सड़क यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि यह पर्यावरणीय लाभ और ऊर्जा उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके साथ ही, गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रगति भी अपेक्षित रूप से तेज हो रही है। इन परियोजनाओं से प्रदेश की इंफ्रास्ट्रक्चर में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।