{"vars":{"id": "100198:4399"}}

राजस्थान मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों ने लिया बड़ा फैसला, राजस्थान सरकार को दी बड़ी चेतावनी 

2017 से सरकारी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार की स्वायत्त संस्था 'राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी' (राजमेस) द्वारा की जाएगी। चिकित्सा शिक्षकों ने नियमों में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2017 को समाज द्वारा अपनाने की मांग की।
 

Rajasthan News: 2017 से सरकारी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार की स्वायत्त संस्था 'राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी' (राजमेस) द्वारा की जाएगी। चिकित्सा शिक्षकों ने नियमों में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2017 को समाज द्वारा अपनाने की मांग की।

बजट घोषणा और शिक्षक संघ की प्रतिक्रिया

राजमेस आरएमसीटीए वेलफेयर सोसायटी के उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में बजट में घोषणा की थी कि राजमेस में राजस्थान सिविल सेवा नियम अपनाए जाएंगे। चिकित्सा शिक्षक संघ ने इस घोषणा का स्वागत किया था। लेकिन बाद में जानकारी मिली कि यह नियम 1 अगस्त 2024 या उसके बाद नियुक्त शिक्षकों पर ही लागू होंगे।

वर्तमान शिक्षकों की स्थिति

डॉ. राजेंद्र यादव ने कहा कि वित्त विभाग और राजमेस ने इन नियमों को वर्तमान में कार्यरत सभी चिकित्सा शिक्षकों पर लागू नहीं करने का निर्णय लिया है। यह नियम केवल 1 अगस्त 2024 के बाद नव नियुक्त होने वाले शिक्षकों पर ही लागू होंगे, जबकि वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को 'डाइंग केडर' घोषित किया जाएगा।

शिक्षक संघ का विरोध

डॉ. यादव ने कहा, "इस निर्णय से वर्तमान में कार्यरत चिकित्सा शिक्षक हतप्रभ और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इन नियमों के अभाव में हमें अपना भविष्य अंधकारमय और असुरक्षित नजर आ रहा है।"

राजस्थान मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। शिक्षक संघ ने राज्य सरकार से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर पुनर्विचार करें और वर्तमान शिक्षकों को भी सिविल सेवा नियमों का लाभ प्रदान करें।