UP News: यूपी में 10वीं पास युवाओं के लिए सुखद खबर ! सरकार करवाएगी फ्री ड्रोन ट्रेनिंग कोर्स
Free Drone training course: खेती-किसानी में तकनीक के इस्तेमाल का चलन समय के साथ तेजी से बढ़ रहा है। ट्रैक्टर, थ्रेसर जैसी आधुनिक उपकरणों के बाद अब एग्रीकल्चर ड्रोन ने इस क्षेत्र में नई क्रांति लाई है। केंद्र सरकार ने एग्रीकल्चर ड्रोन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया है, जिससे किसानों की लागत घटने और उपज की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
एग्रीकल्चर ड्रोन का उपयोग
मैनुअल तरीके से एक एकड़ खेत में दवा या उर्वरक के छिड़काव में 3-4 घंटे का समय लगता है। जबकि ड्रोन से यह काम मात्र 20 मिनट में हो जाता है, और इसमें कम लेबर की जरूरत होती है।
सॉइल मैपिंग के जरिए किसानों को खेत की मिट्टी की गुणवत्ता और आवश्यक उर्वरकों की जानकारी मिलती है, जिससे वे सही मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं।
ड्रोन ट्रेनिंग कोर्स
राजस्थान सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार समेत कई राज्य सरकारें एग्री ड्रोन की ट्रेनिंग और पढ़ाई करवा रही हैं। सीएसए कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर में 7 दिन का ड्रोन ट्रेनिंग कोर्स शुरू हो रहा है। इसमें 10वीं पास छात्र प्रवेश ले सकते हैं। कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर में 6 दिन की आवासीय ड्रोन ट्रेनिंग दी जाएगी।
कोर्स की फीस और छूट
सीएसए कृषि विश्वविद्यालय में ड्रोन ट्रेनिंग की फीस डीजीसीए द्वारा 65,000 रुपये निर्धारित की गई है, जिसमें 50% छूट राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित है। कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग की कुल फीस 50,000 रुपये है, लेकिन सरकार की छूट के बाद यह केवल 9,300 रुपये रह जाएगी।
रोजगार के अवसर
सरकारी क्षेत्र: कृषि विभाग, कृषि संस्थान, और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में नौकरियां।
निजी क्षेत्र: ड्रोन ऑपरेटर, सर्वेयर, और मैपिंग विशेषज्ञ के रूप में नौकरियां।
एग्रीकल्चर ड्रोन के उपयोग से खेती में एक नई क्रांति आई है, जो न केवल लागत घटाने में मदद करती है, बल्कि किसानों को अधिक मुनाफा कमाने का अवसर भी प्रदान करती है।