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Kumari Shailaja:देश में लोकतंत्र बचाने हेतु हम सबको मिलकर लड़नी होगी लड़ाई 

 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं सिरसा(SIRSA) लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी कुमारी सैलजा ने कहा कि यह चुनाव देश में लोकतंत्र व संविधान को बचाने का है। इंडिया गठबंधन का मकसद डॉ अंबेडकर के संविधान की रक्षा करने के साथ ही देश को तानाशाही की ओर जाने से रोकना है। प्रत्येक कार्यकर्ता को राहुल-खरगे द्वारा दी जा रही गारंटी हर दरवाजे तक पहुंचानी होंगी। हर आदमी को कांग्रेस की गारंटी के बारे में बताना होगा। कार्यकर्ता खुद को सैलजा समझ कर घर-घर जाएं, नम्रता से मेरा व कांग्रेस का संदेश पहुंचाएं।

वे रविवार को सिरसा लोकसभा क्षेत्र के डबवाली, रानियां व ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में चुनावी कार्यालय खोले जाने के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आज जो लड़ाई लड़ रहे हैं, वह ऐसी ताकतों से है जो लोकतंत्र व संविधान के खात्मे की सोच रखते हैं। हमारी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह आम लोगों की लड़ाई है। अपनी मजदूरी के लिए तरसने वाले गरीब-मजदूर की लड़ाई है। गर्मी, धूप, बारिश में मेहनत करने वाले किसान की लड़ाई है, जो एमएसपी की मांग करते हुए साल-साल भर बॉर्डर पर बैठता है। अपनी आवाज पहुंचाने के लिए वह आंदोलन करता है तो बॉर्डर ऐसे सील कर दिए जाते हैं, जैसे भारत-पाकिस्तान की सीमा हो। कुमारी सैलजा ने कहा कि लोकतंत्र में जनता को अपनी आवाज नहीं उठाने दी जा रही। इसलिए लोकतंत्र को बचाना है, हर आदमी को न्याय दिलाना है। डॉ अंबेडकर के रचित संविधान को बचाने चुनौती है। ये जनता के हक-हकूक की लड़ाई है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि , में नंबर वन बना दिया गया। नौजवान भटक रहा है। अग्निवीर स्कीम लाकर सेना में जाने का रास्ता भी बंद कर दिया। यह ऐसी स्कीम है, जिसमें बाप से पहले छोरा रिटायर हो जाएगा। फिर क्या होगा उसके भविष्य का। यह सरकार महंगाई चरम पर पहुंचा चुकी है। किसान को बर्बाद करने पर तुली है। शिक्षा नीति को तहस नहस कर रही है। हर दफ्तर में भ्रष्टाचार बढ़ा चुकी है। कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस ने खूब नौकरियां दी। आज भी वादा करते हैं कि अपने घोषणा पत्र के मुताबिक 5 न्याय और 25 गारंटी प्रदान करेंगे। किसान, महिला, श्रमिक, युवा के साथ ही सभी की बराबर हिस्सेदारी सुनिश्चित करेंगे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि अब आप आज से ही अपना-अपना बूथ संभालें। यह चुनाव बड़ी लड़ाई है। देश के लिए लड़ाई है। एकदम नम्रता से खुद हो सैलजा समझकर लोगों के बीच जाएं। मेरी ओर से खास तौर से वोट मांगना। मेरे लिए मांगना, कांग्रेस की विचारधारा के लिए मांगना। हर घर में माताओं-बहनों से अपील जरूर करना। 


विधायक अमित सिहाग, पूर्व सांसद चरणजीत रोड़ी, पूर्व विधायक रणधीर सिंह धीरा, पंजाब के पूर्व मंत्री डॉ महेंद्र सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ केवी सिंह, आम आदमी पार्टी से कुलदीप गदराना, कुलदीप भांभू, पूनम, कम्युनिस्ट पार्टी से जगदीश आदि भी मौजूद रहे।

आस्था का सर्टिफिकेट अब बीजेपी-आरएसएस से लाऊं?

कुमारी सैलजा ने कहा कि चाहे पूजा करूं, मंदिर जाऊं, गुरुद्वारा जाऊं, जिस किसी भी धार्मिक स्थल पर जाऊं, यह मेरी आस्था है। जो जहां जाएगा, जिसको मानेगा, यह उनकी आस्था। क्या अब अपनी आस्था दिखाने के लिए मुझे बीजेपी या आरएसएस से सर्टिफिकेट लाना होगा? क्या इन्होंने भगवान राम के नाम की यूनिवर्सिटी खोल रखी है, जो ये सर्टिफिकेट देंगे और कहेंगे अब भगवान का नाम लो। कुमारी सैलजा ने कहा कि हमारे महात्मा गांधी जी तो भगवान राम का नाम जुबान पर लेते-लेते शहीद हुए थे। उनको आरएसएस या बीजेपी ने नहीं सिखाया था। इसलिए भगवान राम के नाम पर ये राजनीति करेंगे तो भगवान राम भी इनको कभी माफ नहीं करेंगे। भगवान राम अनंत हैं। भगवान राम थे, हैं और रहेंगे। भगवान राम किसी राजनीतिक पार्टी के मोहताज नहीं हो सकते।

डबवाली में आई 1988 की याद

कुमारी सैलजा ने डबवाली में कहा कि इस चुनाव का यह पहला कार्यक्रम है और आज 1988 की याद ताजा हो गई। पिता चौधरी दलबीर सिंह के निधन के बाद वह जीवन का पहला चुनाव था और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने टिकट देकर भेजा तो डबवाली में ही पहला चुनावी कार्यक्रम किया था। उस दिन आज से भी ज्यादा गर्मी थी, लू चल रही थी। तब आप लोगों का खूब प्यार मिला, लेकिन उस साल कांग्रेस के विपरित हालात थे। फिर 1991 में राजीव गांधी ने फिर से यहां भेजा तो आपने सबसे ज्यादा वोटों से जिताकर लोकसभा भेजा। उसके बाद 1996 में कांग्रेस हरियाणा में सिर्फ दो सीट जीती, एक सिरसा और दूसरी रोहतक। लेकिन, रोहतक के मुकाबले ज्यादा वोटों से फिर आपने मुझे ही जिता कर भेजा। कुमारी सैलजा ने कहा कि अंबाला में जाने का पार्टी का हुक्म हुआ, वहां गई। अंबाला के लोगों ने उस चुनाव में प्रदेश में सबसे अधिक मतों से जीत दिलाई। समय का चक्र घूमता है। हालात बदलते हैं। अंबाला के लोगों का प्यार भी खूब मिला। वे अब भी चाहते थे कि अंबाला से ही चुनाव लड़ूं। आप लोगों की आवाज थी कि सिरसा से लड़ूं। पार्टी का फिर से हुक्म हुआ और आपके दिल व आत्मा की आवाज ने यहां बुलाया तो फिर से आपके दरबार में हूं।