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प्रतापगढ़ के सीओ जियाउल हक हत्याकांड में सीबीआई न्यायालय का फैसला, 10 दोषियों को उम्रकैद

प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में 2013 में हुए सीओ जियाउल हक हत्याकांड में सीबीआई न्यायालय का बुधवार को ऐतिहासिक फैसला आया। न्यायालय ने 10 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले ने 11 साल पुराने मामले में न्याय की नई उम्मीद जगाई है।
 

CO Ziaul Haq Murder Case: प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में 2013 में हुए सीओ जियाउल हक हत्याकांड में सीबीआई न्यायालय का बुधवार को ऐतिहासिक फैसला आया। न्यायालय ने 10 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले ने 11 साल पुराने मामले में न्याय की नई उम्मीद जगाई है।

सीओ जियाउल हक का जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुआ था। उन्होंने 2009 में पीपीएस परीक्षा पास की और उनकी पहली तैनाती मुरादाबाद में हुई। 2012 में प्रतापगढ़ के कुंडा में उन्हें पोस्टिंग मिली, जहां उनकी हत्या कर दी गई।

जियाउल हक की हत्या के बाद उनके परिवार ने लगातार न्याय की मांग की। इस केस की सुनवाई और जांच के दौरान कई विवाद उठे, लेकिन अंततः सीबीआई ने 10 आरोपियों को दोषी पाया। फैसले के बाद गांव और परिवार ने राहत की सांस ली, हालांकि परिवार अभी भी दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहा है।

जियाउल हक के गाँव, जुआफर के लोग और उनके रिश्तेदार इस फैसले से संतुष्ट हैं। गाँव के प्रधान और ग्रामीणों ने सीबीआई के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जियाउल हक हत्याकांड ने न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि पूरे गाँव और समाज को गहरे दर्द में डाल दिया था। सीबीआई के इस फैसले से कुछ राहत मिली है, लेकिन परिवार और गाँव की नजरों में पूरी न्याय तब होगा जब दोषियों को फांसी की सजा मिलेगी।