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18 Months DA Arrears: 9 अगस्त की शाम ने केन्द्रीय कर्मचारियों को झूमने नाचने को किया मजबूर ! 18 महीने का बकाया DA इस तारीख मिलना तय

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के 18 महीने के बकाया डियरनेस अलाउंस (डीए) का मुद्दा फिर से गरमाया हुआ है। विपक्षी दलों के नेताओं से लेकर संसद सदस्यों तक, सभी ने सरकार पर इस मुद्दे को लेकर दबाव बनाया है। आइए, जानते हैं कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है और सरकार की स्थिति क्या है।
 

18 Months DA Arrears: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के 18 महीने के बकाया डियरनेस अलाउंस (डीए) का मुद्दा फिर से गरमाया हुआ है। विपक्षी दलों के नेताओं से लेकर संसद सदस्यों तक, सभी ने सरकार पर इस मुद्दे को लेकर दबाव बनाया है। आइए, जानते हैं कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है और सरकार की स्थिति क्या है।

केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान वित्तीय स्थिति को स्थिर रखने के लिए जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की तीन किस्तों को रोकने का निर्णय लिया था। सरकार का तर्क था कि इस कदम से 34,402.32 करोड़ रुपये की बचत हुई, जिसका उपयोग महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए किया गया।

हाल ही में, संसद के दो सांसदों ने केंद्र सरकार से बकाया डीए के बारे में सवाल उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, तो बकाया डीए को जारी न करने का कारण क्या है? इस मुद्दे पर सरकार को सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया गया।

इसके साथ ही, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने डीए बकाया को रोकने के लिए सरकार की निंदा की और इसे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ अन्याय करार दिया।

राज्यसभा में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित जवाब में स्पष्ट किया कि डीए की तीन किस्तों को रोकने का फैसला सरकार द्वारा महामारी के वित्तीय प्रभावों के मद्देनजर लिया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि 2024 के दौरान इस मुद्दे पर सरकारी कर्मचारी संघों से कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में डीए का बकाया जारी करना संभव नहीं है।

बकाया डीए का मुद्दा एक बार फिर से संसद में गूंज रहा है, और इसके समाधान के लिए सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि, सरकार ने अब तक स्पष्ट रूप से यह बताया है कि वर्तमान वित्तीय स्थिति के कारण डीए का बकाया जारी करना संभव नहीं है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस मुद्दे पर क्या निर्णय लिया जाता है और क्या सरकार इस दबाव के आगे झुकती है या नहीं।