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Haryana News: हरियाणा में ग्रुप C-D भर्ती पर बड़ा अपडेट आया सामने, अभी जानें 

सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछले आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया था। इस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका के निपटारे के साथ, राज्य में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है।
 
Haryana News: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आधार पर सरकारी नौकरियों में आरक्षण असंवैधानिक है। उच्च न्यायालय के इस निर्णय ने राज्य में लंबित नियुक्तियों का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछले आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया था। इस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका के निपटारे के साथ, राज्य में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है।

क्या है सरकार का फैसला?
सरकार के सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में बताया गया है कि राज्य सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर सामाजिक-आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया है।

इस आरक्षण के तहत, यदि परिवार में कोई सरकारी नौकरी नहीं है और परिवार की आय कम है, तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंकों का लाभ दिया गया था।


मनोहर लाल खट्टर सरकार ने सामाजिक-आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरियों में आरक्षण को मंजूरी दी थी।
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुसार आरक्षण का लाभ सामाजिक और आर्थिक आधार पर नहीं दिया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी।

उच्च न्यायालय ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि सामाजिक-आर्थिक आधार पर आरक्षण प्रदान करने का निर्णय संविधान के खिलाफ है। इस प्रावधान को रद्द करके याचिका का निपटारा कर दिया गया। याचिका के निपटारे के साथ ही राज्य में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है।

उच्च न्यायालय के इस फैसले से हरियाणा में ग्रुप सी और डी के अलावा टीजीटी की भर्ती प्रभावित होगी। इन भर्तियों में नंबर 5 का लाभ अब उपलब्ध नहीं होगा। साथ ही, इन अंकों के आधार पर, नियुक्त किए गए रंगरूटों पर फिर से परीक्षा भी की जा सकती है।

अधिवक्ता धुल ने कहा कि 12 हजार युवाओं को ..
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रविंदर ढुल ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के 5 बिंदु देने के फैसले को रद्द कर दिया है। उच्च न्यायालय का निर्णय 2017 से हरियाणा में हो रही सभी भर्तियों पर लागू होगा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार का यह फैसला अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है, यह पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने यह भी बताया कि 2019 से पहले नौकरी पाने वाले युवाओं को कोई खतरा नहीं है। उच्च न्यायालय के फैसले का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सीईटी के तहत हाल ही में हुई भर्ती में जिन 12 हजार युवाओं को नौकरी मिली है, उन्हें हटा दिया जाएगा। अब समूह सी और डी की सभी भर्तियों की फिर से जांच करनी होगी। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार को इसके लिए 6 महीने का समय दिया गया है, जब यह प्रक्रिया चलेगी तो किसी को भी नहीं हटाया जाएगा।