चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग शुरू करेगा जियोइंफॉर्मेटिक्स विज्ञान में पीजी डिप्लोमा कोर्स
जींद स्थित चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद और स्काइलाइन जियोइंफॉर्मेटिक्स संस्था, रोहतक के बीच एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए। इस समझौते के अंतर्गत विश्वविद्यालय में जियोइंफॉर्मेटिक्स विज्ञान में एक पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा, जो विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के अंतर्गत रहेगा। भूगोल विभाग के इंचार्ज डॉ. सितेंद्र मलिक ने बताया कि विभाग इस कोर्स के लिए पिछले एक साल से प्रयासरत था जिसमें आज सफलता प्राप्त हुई है। इस पूरी प्रक्रिया में कुलपति डॉ. रणपाल सिंह के कुशल और कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन के कुशल प्रशासनिक निर्देशन का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इंडस्ट्री में जियोइंफॉर्मेटिक्स में पारंगत विद्यार्थियों की मांग बहुत अधिक है। इस कोर्स की अवधि एक साल रहेगी, जिसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आधुनिक विज्ञान जिसमें लिडार, राडार, जीपीएस सर्वेक्षण, ड्रोन मैपिंग आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद विद्यार्थी अपना स्वयं का कार्य भी शुरू कर सकते हैं और एक बेहतरीन नौकरी भी प्राप्त कर सकते हैं।
दोनों ही क्षेत्रों में सालाना तीन लाख तक की कमाई आराम से की जा सकती है और विधार्थी अपनी कुशलता के आधार पर इसमें कितनी भी वृद्धि कर सकता है। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. रणपाल सिंह ने विभाग को बधाई दी और कहा कि जो कोर्स विद्यार्थियों को सक्षम बनाते हैं या नौकरी दिलवाने में सहायक हैं विश्वविद्यालय इस प्रकार के कोर्स को शुरू करने के लिए सदैव तत्पर है।
जियोइन्फारमैटिक्स विषय की प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में बहुत अधिक मांग है। कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने भूगोल विभाग को बधाई देते हुए कहा कि भूगोल विषय की वर्तमान में बहुत अधिक मांग है और विद्यार्थी इस विषय को प्राथमिकता देते हैं। यह कोर्स विभाग और विद्यार्थियों दोनों की ही दक्षता बढ़ने में सहायक होगा। इस अवसर पर विभाग की और से डॉ. सितेंद्र मलिक, डीन रिसर्च डॉ. अनुपम भाटिया और स्काइलाइन जियोइंफॉर्मेटिक्स संस्था की तरफ से निर्देशक अजय पुनिया, अकेडमिक निर्देशक अजय देशवाल, डॉ. रविन्द्र नाथ तिवारी और देवेंद्र प्रताप सिंह उपस्थित रहे।