मोदी सरकार का बड़ा फैसला, यूनिफाइड पेंशन स्कीम को हरी झंडी, जानें कर्मचारियों को इससे होने वाले फायदे
UPS: यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई और अधिक संरचित पेंशन प्रणाली लेकर आई है। यह पेंशन प्रणाली न केवल कर्मचारियों के लिए सुरक्षित है, बल्कि यह उन्हें एक स्थिर पेंशन भी सुनिश्चित करती है। UPS का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है, जो एक स्वागत योग्य कदम है।
मोदी सरकार ने 24 अगस्त 2024 को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलेगी। UPS की घोषणा के साथ ही सरकार ने पेंशन प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसे लेकर विपक्ष पहले से ही हमलावर था।
फिक्स्ड पेंशन
रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनकी आखिरी 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। इस लाभ का फायदा उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्होंने कम से कम 25 साल तक सेवा की हो।
निश्चित न्यूनतम पेंशन
अगर कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल की नौकरी के बाद रिटायर होता है, तो उसे न्यूनतम ₹10,000 पेंशन मिलेगी।
निश्चित पारिवारिक पेंशन
कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार को भी पेंशन मिलेगी, जिसे पारिवारिक पेंशन कहा जाएगा।
इंफ्लेशन इंडेक्सेशन बेनिफिट
पेंशन पर महंगाई भत्ते (डीआर) का लाभ मिलेगा, जो ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-IW) पर आधारित होगा।
ग्रेच्युटी
रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को उसकी नौकरी के आखिरी 6 महीनों का वेतन और भत्ता एकमुश्त राशि के रूप में मिलेगा। यह राशि कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी का 1/10वां हिस्सा होगी।
UPS और OPS में अंतर
कैबिनेट सचिव टी वी सोमनाथन के अनुसार, UPS में जाने से सरकारी खजाने पर करीब 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसके विपरीत, OPS में रिटायरमेंट के बाद आखिरी वेतन की आधी रकम पेंशन के रूप में मिलती थी। UPS की एक बड़ी खासियत यह है कि इसमें पेंशन प्रणाली को बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर नहीं रखा गया है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को एक स्थिर और सुरक्षित पेंशन मिलेगी।