{"vars":{"id": "100198:4399"}}

Old Pension Shceme: मोदी सरकार 3.0 करेगी केन्द्रीय कर्मचारियों का कल्याण ! पुरानी पेंशन योजना को चंद ही दिनों में दिखाएगी हरी झंडी 

कई संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली (Purani Pension Yojana) की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। एनजेसीए के वरिष्ठ पदाधिकारी और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने स्पष्ट किया कि कर्मियों को एनपीएस में सुधार मंजूर नहीं है, वे गारंटीकृत पुरानी पेंशन चाहते हैं।
 

Old Pension Shceme: कई संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली (Purani Pension Yojana) की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। एनजेसीए के वरिष्ठ पदाधिकारी और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने स्पष्ट किया कि कर्मियों को एनपीएस में सुधार मंजूर नहीं है, वे गारंटीकृत पुरानी पेंशन चाहते हैं।

सरकार का रुख और कमेटी की रिपोर्ट

केंद्र सरकार (Central Government) ने मार्च 2023 में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (Finance Secretary TV Somanathan) की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी का उद्देश्य एनपीएस लाभों को बेहतर बनाने के तरीके खोजना था, बिना पुरानी पेंशन प्रणाली पर वापस लौटे।

कमेटी का कार्य और संभावित सुझाव

कमेटी से कहा गया था कि वह एनपीएस के मौजूदा ढांचे के संदर्भ में बदलावों की सिफारिश करे और पेंशन लाभों को और ज्यादा आकर्षक बनाने के सुझाव दे। कमेटी को यह भी ध्यान रखना था कि उनके सुझाव बजटीय अनुशासन और आम जनता के हितों पर विपरीत असर न डालें।

कर्मचारियों की अन्य मांगें

पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension Scheme) के अलावा कर्मचारियों की अन्य मांगों में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का गठन, मेडिकल सुविधाओं की बेहतरी, स्टाफ बेनिफिट फंड, पेंशन कम्युटेशन की बहाली, इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, होम लोन रिकवरी और रेलवे की क्षमता में वृद्धि शामिल हैं।

संगठनों की कार्रवाई

विभिन्न संगठनों ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री (Finance Minister) को पत्र भेजे हैं। जेसीएम 'स्टाफ साइड' के सचिव और एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है और प्रधानमंत्री मोदी से भी आग्रह किया है कि एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मियों की पुरानी पेंशन बहाली पर विचार किया जाए।

पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension News) के मुद्दे पर कर्मचारी संगठनों का रुख सख्त होता जा रहा है और सरकार के सामने चुनौती बढ़ रही है। आगामी बजट सत्र में इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है।