{"vars":{"id": "100198:4399"}}

OPS: आज सुबह सुबह ही हो गई सरकारी कर्मचारियों की चांदी ! इसी अगस्त महीने से पुरानी पेंशन का लाभ मिलना शुरू होगा  

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 18 मार्च 2005 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को फिर से लागू कर दिया है। इसके बावजूद, मध्य प्रदेश (एमपी) में भाजपा सरकार होने के बावजूद ओपीएस को लागू करने में कोई प्रगति नहीं हुई है। इससे एमपी के कर्मचारियों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है।
 

OPS: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 18 मार्च 2005 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को फिर से लागू कर दिया है। इसके बावजूद, मध्य प्रदेश (एमपी) में भाजपा सरकार होने के बावजूद ओपीएस को लागू करने में कोई प्रगति नहीं हुई है। इससे एमपी के कर्मचारियों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है।
 
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने एमपी में ओपीएस की मांग को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि "सरकारी योजनाओं में हितग्राही को जितनी राशि मुफ्त में दी जा रही है, उतनी ही राशि ओपीएस के तहत कर्मचारियों को पेंशन के रूप में भी नहीं मिल रही।"

डेहरिया ने न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की आलोचना करते हुए कहा कि एनपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन राशि इतनी कम है कि इससे परिवार का भरण-पोषण नहीं हो सकता। यह राशि सरकारी योजनाओं जैसे लाड़ली बहना और वृद्धावस्था पेंशन से भी कम है।
 
एमपी के कर्मचारियों को उम्मीद थी कि बजट में ओपीएस पर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो उन्होंने आंदोलन की राह चुनने की तैयारी कर ली है। उनका तर्क है कि "जब यूपी में ओपीएस लागू हो सकता है, तो एमपी में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?"

कर्मचारी संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है, जिससे आने वाले समय में एमपी में ओपीएस की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन देखने को मिल सकता है।
 
एमपी में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर कर्मचारियों की आवाज़ बुलंद होती जा रही है। यूपी में ओपीएस लागू होने के बाद एमपी के कर्मचारी भी इस योजना की मांग को लेकर सक्रिय हो गए हैं। यदि एमपी सरकार इस मुद्दे पर जल्द कदम नहीं उठाती, तो राज्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन की संभावना बढ़ सकती है।