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Success Story: करोडो लोग हो रहे है इनकी कहानी से प्रेरित, गांव वालों को मजाक करना पड़ा महंगा, लड़की बन गई DSP

स्‍कूल में वह कभी बहुत ब्राइट स्‍टूडेंट नहीं रहीं, लेकिन उनकी मां का मन था कि वह आगे की पढ़ाई दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से करें। लिहाजा, बीकॉम के लिए उन्‍होंने डीयू का टेस्‍ट दिया और उनका एडमिशन दौलतराम कॉलेज में हो गया।
 

Success Story : उत्‍तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली ऋषिका सिंह मां बाप की इकलौती संतान हैं। जब उन्‍होंने सिविल सर्विसेज में जाने की ठानी और दिल्‍ली रहकर यूपीएससी की तैयारी करने लगीं तो रिश्‍तेदारों से लेकर तमाम लोगों ने उनके मां बाप को खूब ताने सुनाए।

किसी ने कहा कि इकलौती संतान है, जल्‍दी से ब्‍याह शादी कर दो। बेटी की पढ़ाई पर पैसे मत बर्बाद करो, लेकिन न तो ऋषिका ने हार मानी, न उनके मम्‍मी पापा ने। आखिरकार कई असफलताओं के बाद सफलता मिली और इस इकलौती लड़की ने सबके मुंह पर ताला जड़ दिया।

वह बचपन से ही माता पिता के साथ लखनऊ शहर में ही रहीं, वहीं उनकी पूरी पढ़ाई लिखाई हुई। मां बाप की इकलौती संतान होने के कारण वह हमेशा अपने परिवार के साथ रहीं। लखनऊ के ही एक कॉलेज से उन्‍होंने कॉमर्स से 12वीं की परीक्षा पास की।  

स्‍कूल में वह कभी बहुत ब्राइट स्‍टूडेंट नहीं रहीं, लेकिन उनकी मां का मन था कि वह आगे की पढ़ाई दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से करें। लिहाजा, बीकॉम के लिए उन्‍होंने डीयू का टेस्‍ट दिया और उनका एडमिशन दौलतराम कॉलेज में हो गया।

जहां से उन्‍होंने बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई की। इस दौरान उनकी पढ़ाई के लिए उनकी मां भी उनके साथ दिल्‍ली ही रहीं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स के दौरान ऋषिका का मन एमबीए करने का था, लिहाजा उन्होंने एक साल तक कॉमन एडमिशन टेस्ट (Common Admission Test, CAT) की तैयारी भी की,

लेकिन उनका मन बदल गया। ऋषिका कहती हैं कि वह सोसाइटी के लिए कुछ करना चाहती थी। इसके लिए कुछ दिनों तक वह टीचर बनने के बारे में सोचती रहीं। बीकॉम पूरा होने के दो साल बाद तक वह काफी असमंजस में रहीं, लेकिन आखिरकार उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का मन बनाया और तैयारी शुरू कर दी। 

ऋषिका ने सबसे पहले वर्ष 2019 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन इस परीक्षा में प्रिलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई, जिससे काफी निराशा हुई। इसके बाद उन्होंने अगले साल 2020 में फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी।

इस बार उन्होंने मेन्स की परीक्षा पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू में नहीं हुआ। वर्ष 2021 में ऋषिका ने एक बार फिर प्रयास किया। वह इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन फाइनल सिलेक्शन नहीं हुआ, हालांकि हर साल वह यूपीएससी के साथ-साथ यूपी पीसीएस की परीक्षाएं भी देती रहीं, लेकिन तीनों साल इन परीक्षाओं में भी असफल रहीं।

यही वह कठिन दौर था जब दो साल लागातार असफलता के बाद वह 2021 में दिल्ली से लखनऊ लौट आईं। इस दौरान उनके पैरेंट्स से रिश्तेदारों और आस पास के लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि बेटी पर क्यों पैसा बर्बाद कर रहे हो, जल्दी से इसका शादी कर दो, बेवजह दिल्ली से लेकर लखनऊ तक घूम रही है।

एक तरफ किसी भी परीक्षा में सेलेक्‍शन नहीं हो रहा था और दूसरी ओर लोग ताने सुना रहे थे। ऐसे में वह काफी प्रेशर में आ गई थी और डिप्रेशन जैसा फील करने लगी थीं, लेकिन खुद को मजबूत करने के लिए उन्‍होंने तय किया कि अब असफलता से घबराना नहीं है, बल्कि अपनी तैयारी पर जोर देना है।

ऋषिका बताती हैं कि उन्‍होंने रिजल्ट के बारे में सोचना बंद कर दिया। उन्‍होंने परीक्षा के दिनों में 14 घंटे तक पढ़ाई की आखिरकार वर्ष 2022 में यूपी पीएससी (UPPSC PCS result 2022) में 80वीं रैंक हासिल की।

अपना रिजल्ट उन्होंने खुद नहीं देखा, बल्कि उनके कोचिंग के सर ने फोन करके बताया कि वह यूपीपीएससी पीसीएस की परीक्षा पास कर गईं हैं और डीएसपी बन गईं हैं, जिसके बाद ऋषिका ने अपने पापा को यह बात बताई तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ।

पापा ने कहा कि जब तक अपनी आंखों से नहीं देखूंगा, तब तक भरोसा नहीं। इस तरह रिजल्ट चेक करने के बाद वह खुशी से झूम उठे।  उनके परिवार ने उनको पूरा सपोर्ट किया, वर्ना यह इकलौती लड़की इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती।

अभी ऋषिका मुरादाबाद स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (Police Training College, Moradabad) में डीएसपी की ट्रेनिंग ले रही हैं।