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औरत को खुश रखने के लिए अपनाएं ऊंट की यह आदत मिलेगा फुल रिजल्ट

Adopt this habit of camel to keep woman happy, you will get full result
 

आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र को मनुष्य जीवन के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इसमें आचार्य चाणक्य ने मनुष्य जीवन के कई ऐसे मर्म बताए जिन्हें समझकर कोई भी व्यक्ति आसानी से अपने जीवन को सुख में और सफल बना सकता है।नीति शास्त्र में पुरुषों से जुड़े गुणों का जिक्र करते हुए आचार्य कहते हैं कि अगर किसी आचार्य चाणक्य पुरुष में ऊंट के 5 गुना जाएं तो उसकी स्त्री हमेशा संतुष्ट रहती है।
चाणक्य कहते हैं कि अगर ऊंट के 5 गुण और उसमें हो तो उसकी स्त्री हमेशा संतुष्ट रहती है। ऐसे गुणों वाला पुरुष परिवार में खुशी को बनाए रहता है और संपन्न रहता है तो आपको बता दें कि वह गुण कौन-कौन से हैं जो पुरुषों को काबिलियत देते हैं।

संतुष्ट रहना।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुरुष को यथाशक्ति परिश्रम करना चाहिए और उसे जो धन या फल मिले उसे संतुष्ट हो खुश रहना चाहिए। जिस तरह से उठ जितना भोजन मिलता है, उतने में संतुष्ट हो जाता है। उसी तरह पुरुषों को मेहनत से अर्जित इस दिन से ही परिवार का पालन करना चाहिए। जिस पुरुष में यह गुण होता है, वह सफलता प्राप्त करते हैं।

सतर्क रहना।

आचार्य के अनुसार जिस तरह से उठ गए री नींद में होने के बाद भी सतर्क रहते हैं, वैसे ही पुरुषों को हमेशा अपने परिवार स्त्री और कर्तव्यों को लेकर सतर्क होना चाहिए। परिवार वह खुद का सुरक्षा के लिए शत्रुओं के सदा सावधान रहें। आप चाहे कितना भी गहरी नींद में क्यों नहीं हो? एल की आहट प्रवेश जागने का गुण होना चाहिए। ऐसे गुण वाले पुरुष से उनकी पत्नी हमेशा खुश रहती है।

वफादारी

चाणक्य कहते हैं कि जिस तरह कोई ऊंट की वफादारी पर शक नहीं कर सकता, उसी तरह पुरुषों को अपनी पत्नी एवं कार्य के प्रति हमेशा वफादार होना चाहिए जो पुरुष अनजान महिलाओं को देखकर भी लाल हो जाता है। उसके घर में कलेश बनी रहती है। ऐसे पुरुषों से स्त्री कभी खुश नहीं रहती क्योंकि पत्नी अपने पति की वफादारी से आनंदित रहती है।

वीरता।

आचार्य कहते हैं उठ निर्णय और वीर प्राणी होता है। जिस तरह से वह अपने मालिक की रक्षा के लिए अपनी जान तक गंवा सकता है। ठीक उसी तरह पुरुष को भी वीर होना चाहिए। जरूरत पड़ने पर अपनी पत्नी और परिवार के लिए अपनी जान दांव लगाने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए।

संतुष्ट रखना।

आचार्य चाणक्य के अनुसार पुरुष का पहला दायित्व है। अपनी पत्नी को हर तरह से संतुष्ट रखना जो और पुरुष शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी पत्नी को संतुष्ट रखते हैं। उनकी पत्नी हमेशा खुश रहती है। ऐसा करने वाला पुरुष हमेशा अपने पति नहीं का प्रिय बना रहता है।