Vivah Muhurat 2024 : जनवरी से मार्च तक विवाह के 40 शुभ मुहूर्त, इसी महीने से शरू होंगे कार्यक्रम
Vivah Muhurat 2024: इस साल जनवरी से मार्च माह तक शादी करने के लिए 40 शुभ मुहूर्त होंगे। खरमास के समापन के अगले दिन से विवाहादि मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार 16 फरवरी से 12 मार्च यानी 57 दिनों में 40 लग्न-मुहूर्त मिल रहे। मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी। भगवान सूर्य इस दिन सुबह नौ बजकर 13 मिनट पर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्यदेव उत्तरायण होंगे और खरमास का समापन होगा। अगले दिन 16 जनवरी से विवाहादि के लग्न-मुहूर्त शुरू हो जाएंगे।
श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में संक्रांति का शाब्दिक अर्थ सूर्य या किसी भी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश या संक्रमण है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश मकर संक्रांति कहलाता है। संक्रांति के समय से 20 घटी (आठ घंटा) पूर्व और 20 घटी (आठ घंटा) पश्चात तक पुण्यकाल होता है। इस अवधि में तीर्थादि में स्नान-दान का विधान है।
ज्योतिष शास्त्र में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि कहा गया है। इस तरह मकर संक्रांति देवताओं का प्रभातकाल है। तिथि विशेष पर स्नान-दान, जप-तप, श्राद्ध-अनुष्ठान आदि का अत्यधिक महत्व है। इस अवसर पर किया गया दान 100 गुना होकर पुण्यदायी होता है। तिथि विशेष पर गंगा, प्रयागराज में संगम समेत नदी-सरोवरों, कुंडों आदि में स्नान के साथ अर्घ्य और दान का विशेष महत्व है। स्नानोपरांत सूर्य सहस्त्रनाम, आदित्य हृदयस्त्रोत, सूर्य चालीसा, सूर्य मंत्रादि का पाठ कर सूर्य आराधना करनी चाहिए। गुड़-तिल, कंबल, खिचड़ी, चावल आदि पुरोहितों या गरीबों को प्रदान करना चाहिए। वायु पुराण में मकर संक्रांति पर तांबूल दान का विशेष महत्व बताया गया है।
जनवरी से मार्च तक विवाहादि के 40 मुहूर्त
जनवरी से मार्च तक विवाह के 40 शुभ मुहूर्त
खरमास के समापन के अगले दिन से विवाहादि मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार 16 फरवरी से 12 मार्च यानी 57 दिनों में 40 लग्न-मुहूर्त मिल रहे।
जनवरी- (11 मुहूर्त) 16, 17, 18, 20, 21, 22, 27 से 31 तक।
फरवरी- (19 मुहूर्त) एक से सात तक, 12, 13, 14, 17, 18, 19, 23 से 27 तक, 29
मार्च- (10 मुहूर्त) एक से आठ तक, 11, 12