Haryana family Rule change: हरियाणा में फॅमिली के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, फटाफट चेक करें ये नियम
indiah1, चण्डीगढ़: हरियाणा में लगातार सरकार आमजन के लिए योजनाओं परियोजनाओं को लेकर कुछ ना कुछ नया अपडेट करती रहती है। हरियाणा की मनोहर सरकार ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी हरियाणा) जारी करने के नियमों में एक बार फिर फेरबदल किया है। बिजली कनेक्शन होने पर भी लोग अब अलग से फैमिली आईडी हरियाणा नहीं बनवा पाएंगे। वहीँ बता दे कि कुछ समय पहले, राज्य सरकार ने लोगों को बिजली कनेक्शन होने पर अलग परिवार पहचान पत्र (परिवार पहचान पत्र) बनाने कि मजूरी दी थी, लेकिन सरकार ने फरवरी से इस नियम पर रोक लगा दी है।
इस बीच, राज्य के सभी सीएससी केंद्रों की साइटों से विकल्प हटा दिया गया है। ऐसे में संयुक्त परिवार में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी हरियाणा) के आधार पर उन्हें सरकारी लाभ से वंचित किया जा सकता है। सीएससी केंद्र संचालकों के मुताबिक पोर्टल पर सिर्फ दो दिन ही विकल्प आया।
PPP (पीपीपी हरियाणा) के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा
सरकार ने योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पात्र लोगों को बिजली कनेक्शन के नाम पर नए परिवार पहचान पत्र (फैमिली आईडी हरियाणा) प्राप्त करने की अनुमति दी थी, लेकिन यह विकल्प शुरू होने के बाद अपात्र लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाना शुरू कर दिया। कई केंद्र संचालकों ने नए परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए अपात्र लोगों से पैसे लिए थे।
सीएससी सेंटर संचालक लोगों से पांच हजार रुपये तक वसूल रहे थे, जबकि सरकार ने यह सुविधा मुफ्त में दी थी। धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार द्वारा इस विकल्प को अक्षम कर दिया गया है।
जल्द जारी होगी ये नई योजना
परिवार पहचान पत्र के राज्य समन्वयक सतीश खोला ने कहा कि राज्य सरकार 1 लाख 80 हजार रुपये से कम आय वाले परिवारों को परिवार पहचान पत्र के आधार पर योजनाओं का लाभ दे रही है। फिलहाल बिजली बिल के आधार पर नए परिवार पहचान पत्र जारी करने का विकल्प बंद कर दिया गया है, लेकिन इसे संशोधित कर दोबारा शुरू किया जाएगा।
फैमिली आईडी हरियाणा में फेरबदल का मुख्य कारण
इस दौरान बड़ी संख्या में लोग बिजली कनेक्शन के आधार पर अपने परिवार से अलग फैमिली आईडी हरियाणा बनवाने के लिए सीएससी केंद्रों पर पहुंचने लगे। अधिकांश लोगों के लिए, एक अलग परिवार पहचान (पीपीपी हरियाणा) बनाने का उद्देश्य उनकी आय को कम करना और सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठाना था। सरकार को आदेश पर रोक लगानी पड़ी.