{"vars":{"id": "100198:4399"}}

 Billionaires :  ये है देश का पहला अरबपति व्यक्ति, ये था सबसे बड़ा कंजूस

 

Billionaires : आप लोगों ने देश के कई अबरपति को देखा होगा या फिर उनके बारे में सुना होगा। उन अरबपति के रहने सहने का तरीका भी देखा होगा। आज हम आपको देश के पहले अरबपति के बारे में बता रहे है।

जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। 1947 में हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली देश के पहले अमीर व्यक्ति थे। बता दें कि इनकी कुल संपत्ति 17.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक थी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निजाम के पास 20 लाख पाउंड से ज्यादा तो सिर्फ कैश था। निजाम के पास सोना, चांदी, बेशुमार हीरे, मोती और कई ज्यादा जवाहरात थे। निजाम के पास इतना कुछ होने के बाद भी लोग उन्हें कंजूस कहते थे।

इतिहासकार डोमिनिक लापियर और लैरी कॉलिन्स अपनी मशहूर किताब ”फ्रीडम ऐट मिडनाइट” (Freedom at Midnight) में लिखते हैं कि निजाम इतने कंजूस थे कि उनके घर आए मेहमान ऐशट्रे में सिगरेट छोड़ जाते थे, तो निजाम उसे भी उठाकर पी लेते थे। निजाम खुद के पास बहुत ही सस्ती सिगरेट रखते थे। 

वायसराय को नहीं पिलाई शैंपेन

फ्रीडम ऐट मिडनाइट की किताब के अनुसार निजाम के सलाहकारों ने उन्हें सलाह दी की वायसराय की खातिरदारी में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। लॉर्ड वेवेल वायसराय की हैसियत से हैदराबाद आने वाले थे।

निजाम ने वायसराय के आने के बाद ऐसी हरकत कर दी जिसे देखकर सब दंग रह गए। निजाम ने दिल्ली एक तार भिजवाया, जिसमें उन्होंने पूछा कि क्या वायसराय की मेहमान नवाजी में शैंपेन जरूरी है? इतनी महंगाई में शैंपेन पिलाना उचित होगा?

ऐसे ही एक मौके पर निजाम ने शाही भोज का आयोजन किया। लेकिन उनकी मजबूरी थी कि उन्हें टेबल पर शैंपेन का बोतल रखनी पड़ी। साथ ही इस बात पर ध्यान रखने को कहा कि ये शैंपेन की बोतल 2-3 मेहमानों से ज्यादा आगे न जाएं। 

टीन के बर्तन में खाते थे खाना

निजाम इतने कंजूस थे कि वे टीन के बर्तनों में खाना खाते थे। ऐसे बर्तनों को देखकर किसी का भी खाने का मन नहीं करता। निजाम के पास सोने के इतने बर्तन थे कि उसमें 200 लोग आराम से खाना खा सकते थे। 

हड़प जाते थे लोगों की कार

निजाम के पास एक से बढ़कर एक आलीशान गाड़ियां थीं। बता दें कि निजाम ने ज्यादातर गाड़िया जबरदस्ती तोहफे में ली थी। निजाम को तोहफे में हिज एक्जाल्टेड हाइनेस मिलने के बाद वो बहुत खुश हुए। लेकिन इतनी मंहगी गाड़िया होने के बाद भी निजाम हमेशा खटारा गाड़ी में चलते थे।