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ब्रिटिश काल के कानून हुए खत्म, देश में आज से तीन नए आपराधिक कानून हुए लागू, जानिए संपूर्ण जानकारी

ब्रिटिश काल के कानून हुए खत्म, देश में आज से तीन नए आपराधिक कानून हुए लागू, जानिए संपूर्ण जानकारी
 

देश में आज से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो जाएगा। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमशः भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे। नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें 'जीरो एफआईआर', पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, 'एसएमएस' (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिए सम्मन भेजने जैसे इलैक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्ग वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन कानूनों में कुछ मौजूदा सामाजिक वास्तविकताओं और अपराधों से निपटने का प्रयास किया गया और संविधान में निहित आदशों को ध्यान में रखा गया है। 

नए कानूनों के तहत अब यह बदलाव होंगे

आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे

दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मैडीकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होगी

राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है

किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड वा उम्र कैद का प्रावधान जोड़ा गया है।

जीरो एफआईआर' से अब
किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज हो सकेगी

नए कानूनों के तहत अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गए बिना इलैक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इससे मामला दर्ज कराना आसान और तेज हो जाएगा तथा पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। 'जीरो एफआईआर' से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो। इससे कानूनी कार्यवाही शुरू करने में होने वाली देरी खत्म होगी और मामला तुरंत दर्ज किया जा सकेगा।