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Budget- 2024:  बस थोड़ा सा इन्तजार और... फरवरी महीने में पेश होगा बजट 2024, 7 लाख रुपये तक की कमाई पर मिल सकती है टैक्स छूट, जानें पूरी डिटेल

टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना है, इसमें 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट भी आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत उपलब्ध है। .. इसका मतलब है कि इस टैक्स स्लैब में करदाता को 6.50 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
 

indiah1, नई दिल्लीः दरअसल, पिछले साल के बजट में केंद्र सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत दी थी। यह घोषणा की गई थी कि 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट-2023 में एक नया आयकर स्लैब पेश किया था। इस तरह करदाताओं के पास अब दो विकल्प हैं-नया टैक्स स्लैब और पुराना।

आपको बता दें कि वर्ष 2020 में सरकार ने एक नया टैक्स स्लैब पेश किया था, जो ज्यादातर इनकम टैक्सपेयर्स को पसंद नहीं आया था। फिर पिछले साल उसी में बदलाव किए गए थे। पहले 6 टैक्स स्लैब थे, जिन्हें बदलकर 5 कर दिया गया है। 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। नई कर प्रणाली के तहत मूल छूट की सीमा भी बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है।

बजट 2023-24 में पेश किया गया यह नया कर स्लैब (नई कर व्यवस्था) है -

0 से 3 लाख रुपये पर 0% 3 से 6 लाख रुपये पर 5% 6 से 9 लाख पर 10 प्रतिशत 9 से 12 लाख पर 15 प्रतिशत
12 से 15 लाख पर 20 प्रतिशत
15 लाख रुपये से अधिक पर 30 प्रतिशत
पुराना आयकर स्लैब (Old Tax Regime)

2.5 लाख रुपये तक-0%
2.5 लाख से 5 लाख-5%
5 लाख से 10 लाख-20%
10 लाख रुपये से अधिक-30%
जबकि पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना है, इसमें 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट भी आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत उपलब्ध है। .. इसका मतलब है कि इस टैक्स स्लैब में करदाता को 6.50 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। पुराने टैक्स स्लैब के अनुसार 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स है, लेकिन सरकार इस पर 12,500 रुपये की छूट देती है। सरल गणित यह है कि पुराने टैक्स स्लैब में आपको 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं देना पड़ता है।

अगर हम आयकर नियमों की बात करें, तो उसके अनुसार, अगर आपकी वार्षिक आय 5 लाख रुपये तक है, तो आपका कर 12,500 रुपये हो जाता है, लेकिन धारा 87ए के तहत छूट मिलने के कारण, 5 लाख रुपये के स्लैब में आयकर का भुगतान करने का दावा शून्य हो जाता है।

यह ध्यान देने योग्य है कि सरकार की सबसे बड़ी आय करों से होती है, लेकिन कर लगाने के साथ-साथ सरकार नागरिकों को कानूनी साधनों का उपयोग करके अपने करों को बचाने के लिए पूरी सुविधाएं भी प्रदान करती है। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत, आप 1.5 लाख रुपये का निवेश करके अपने टैक्स को बचा सकते हैं। यदि आप अलग से राष्ट्रीय पेंशन योजना में 50,000 रुपये तक का निवेश करते हैं, तो धारा 80CCD के तहत आपको आयकर में 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है। इसके अलावा नई और पुरानी दोनों कर व्यवस्थाओं में 50 हजार रुपये तक की मानक कटौती का लाभ दिया गया है।